राजेंद्र नगर टर्मिनल पर मिली दरभंगा की 4 नाबालिग लड़कियां, गांव के युवक ने घुमाने के बहाने समस्तीपुर स्टेशन पर छोड़ा, पुलिस ने सभी को घर भिजवाया

पटना। राजधानी में दरभंगा के एक इलाके की रहने वाली 4 नाबलिग लड़कियों को पटना में पुलिस ने बरामद किया है। बताया जा रहा है की ये लड़कियां राजेंद्र नगर टर्मिनल के बाहर मंगलवार की दोपहर घूम रही थीं। इनकी परिस्थितियों को देख पत्रकार नगर थाना की पुलिस को कुछ शक हुआ। जिसके बाद लड़कियों से बात की। फिर उन्हें थाना लेकर गए। जब असलियत सामने आई तो पुलिस भी चौंक गई। बता दे की सभी लड़कियों की उम्र 15 से 17 साल के बीच की है। दरअसल दरभंगा के जिस इलाके में ये लड़कियां रहती हैं, उसी इलाके में भोला नाम का एक युवक रहता है। ये सभी युवक के झांसे में आ गईं। युवक ने इन्हें समस्तीपुर में घुमाने की बात कही थी। इन्हें ट्रेन से लेकर वो समस्तीपुर गया था। फिर स्टेशन पर उतरने के बाद लड़कियों से कुछ देर में आने की बात कह कर वहां से भोला गायब हो गया था।
वही जब थाना पर लड़कियों से थानेदार मनोरंजन भारती ने बात की। तब डरी और सहमी लड़कियां कुछ भी बताने से हिचक रही थीं। पर थानेदार ने उन्हें भरोसा दिलाया। उन्हें समझाया जिसके बाद पहले एक लड़की ने फिर दूसरी ने एक-एक कर अपने साथ हुए बातों की जानकारी दी। पुलिस को बताया कि कैसे वो दरभंगा से समस्तीपुर और फिर वहां से पटना पहुंची। साथ ही लड़कियों को इस बात का डर हो गया था कि अगर वो वापस घर लौंटी तो उनके परिवार वाले उन्हें डांटेंगे-फटकारेंगे। बगैर कुछ बताए घर से निकलने की वजह से कहीं उनकी पिटाई भी न हो जाए। इस कारण वो घर वापस गई हीं नहीं।
तीन दिनों से परेशान था परिवार
वही पटना पुलिस ने लड़कियों से उनके परिवार का मोबाइल नंबर लेकर कॉल किया। उनकी बरामदगी की जानकारी दी। जिसके बाद शाम होते-होते सभी लड़कियों के परिवार वाले पटना पहुंच गए। थाना पहुंचने पर पुलिस ने परिवार वालों से भी जानकारी ली। तब पता चला कि वो पिछले 3 दिनों से अपनी बच्चियों को तलाश कर रहे हैं। दरभंगा से लेकर समस्तीपुर और उसके आसपास के इलाकों को खंगाल डाला था। वही परिवार वालों ने पुलिस को बताया कि घूम-घूम कर कपड़ा बेचने का उनका काम होता है। उन्हें कुछ नहीं पता कि उनकी बेटियां कब और कैसे निकलीं। वो पटना कैसे और कब पहुंची। इस बारे में भी जानकारी नहीं है। थानेदार मनोरंजन भारती के अनुसार पहले वो चारों लड़कियों को अपना घर भेजने वाले थे। जहां खोए-पाए गए बच्चों को रखा जाता है। पर अब परिवार के लोग आ गए हैं। सभी लड़कियों को उन्हें सौंप दिया जाएगा।

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