मुंगेर में अनियंत्रित बाइक ने मारी बस मे टक्कर, दो किशोर की मौत, एक की हालत गंभीर
मुंगेर। बिहार के मुंगेर जिले में बुधवार देर शाम एक दर्दनाक सड़क हादसे में दो किशोरों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा बरियारपुर थाना क्षेत्र के फुलकिया मोड़ के पास उस वक्त हुआ, जब तीन दोस्त एक ही बाइक पर सवार होकर तेज रफ्तार में मोबाइल से रील बनाते हुए जा रहे थे। जैसे ही उनकी बाइक फुलकिया मोड़ के समीप पहुंची, वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़ी एक बस से जा टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि घटनास्थल पर ही एक किशोर की मौत हो गई, जबकि दूसरे की इलाज के दौरान अस्पताल में जान चली गई। तीसरे साथी का इलाज फिलहाल जारी है। पुलिस ने मृतकों की पहचान जिले के पड़िया पंचायत के कुमारपुर गांव निवासी शुभम कुमार (17) और आनंद कुमार (15) के रूप में की है। शुभम इंटरमीडिएट का छात्र था, जबकि आनंद कक्षा दसवीं में पढ़ाई कर रहा था। वहीं हादसे में गंभीर रूप से घायल सोनू कुमार का मुंगेर सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बुधवार को तीनों दोस्त एक ही बाइक पर सवार होकर कल्याणपुर की ओर जा रहे थे। रास्ते में यह सभी मोबाइल पर वीडियो बनाते हुए बाइक चला रहे थे। बताया गया है कि इस दौरान बाइक की गति काफी अधिक थी और चालक का ध्यान वाहन संचालन के बजाय रील बनाने पर केंद्रित था। इसी लापरवाही के कारण बाइक चालक वाहन को नियंत्रित नहीं कर पाया और सड़क किनारे खड़ी बस में सीधे टकरा गया। टक्कर के तुरंत बाद शुभम कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। घटनास्थल पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई और स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में तीनों को मुंगेर सदर अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने आनंद कुमार को गंभीर स्थिति में भर्ती किया, लेकिन इलाज के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया। वहीं, सोनू कुमार की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है और उसका इलाज जारी है। हादसे की सूचना मिलते ही बरियारपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही क्षतिग्रस्त मोटरसाइकिल को जब्त कर लिया गया। पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि बाइक तेज रफ्तार में थी और चालक का ध्यान सड़क पर नहीं था, इसलिए यह दर्दनाक हादसा हुआ। पुलिस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। इस दुर्घटना से मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया। शुभम और आनंद दोनों अपने परिवारों के इकलौते सहारे माने जाते थे। हादसे की खबर मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय ग्रामीणों ने भी इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की और बताया कि मोबाइल पर रील बनाने का आकर्षण अब युवाओं को जानलेवा साबित हो रहा है। यह हादसा एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और मोबाइल फोन के दुरुपयोग को लेकर गंभीर सवाल खड़ा करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण किशोर अपनी जान से ज्यादा वीडियो और लाइक्स को अहमियत देने लगे हैं। बाइक चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल न केवल गैरकानूनी है, बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकता है।फुलकिया मोड़ पर हुआ यह हादसा समाज के लिए एक गहरी चेतावनी है कि सड़क पर लापरवाही और सोशल मीडिया के दबाव में की गई गलतियां अपूरणीय क्षति पहुंचा सकती हैं। दो मासूम जिंदगियों का यूं समय से पहले खत्म हो जाना परिवारों, समाज और प्रशासन सभी के लिए एक सबक है। ज़रूरत है कि किशोरों को इस ओर जागरूक किया जाए कि सड़क पर सतर्कता और नियमों का पालन ही सुरक्षित जीवन की गारंटी है।


