January 24, 2025

यूक्रेन ने रूस पर किया ड्रोन अटैक, 9/11 जैसा हमला, 2 इमारतों में ड्रोन से टक्कर

कजान। रूस के कजान शहर में शनिवार सुबह ऐसा हमला हुआ जिसे अमेरिका के 9/11 जैसे आतंकवादी हमले से तुलना की जा रही है। कजान में हुए इस हमले में 8 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, जिनमें से 6 रिहायशी इमारतों को निशाना बनाया गया। हालांकि, इस हमले में किसी के मारे जाने की सूचना नहीं है। घटनास्थल के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें ड्रोन इमारतों से टकराते देखे जा सकते हैं। हमले के बाद रूस के दो एयरपोर्ट्स को बंद कर दिया गया है। यह हमला मॉस्को से लगभग 800 किलोमीटर दूर हुआ है और रूस ने इस हमले के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष का हिस्सा है, जो पिछले कई महीनों से और अधिक उग्र हो गया है।
9/11 जैसा हमला क्यों कहा जा रहा है?
इस घटना की तुलना अमेरिका के 2001 के 9/11 हमले से इसलिए की जा रही है क्योंकि उस वक्त भी आतंकियों ने विमान हाईजैक कर अमेरिका की तीन महत्वपूर्ण इमारतों पर हमला किया था। सबसे पहला हमला सुबह 8:45 पर हुआ था, जब एक बोइंग 767 विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टॉवर से टकराया। इसके 18 मिनट बाद एक और विमान साउथ टॉवर से जा टकराया। उस हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था। रूस-यूक्रेन संघर्ष में ड्रोन हमलों का बढ़ता चलन
रूस और यूक्रेन के बीच ड्रोन का इस्तेमाल हाल के दिनों में युद्ध की रणनीति का अहम हिस्सा बन गया है। 4 महीने पहले यूक्रेन ने रूस के सारातोव शहर में 38 मंजिला रिहायशी इमारत “वोल्गा स्काई” पर हमला किया था। उस हमले में रूस के स्ट्रैटजिक बॉम्बर मिलिट्री बेस को भी निशाना बनाया गया था, जिसमें 4 लोग घायल हुए थे। जवाब में रूस ने यूक्रेन पर 100 मिसाइल और 100 ड्रोन से हमला किया, जिसमें 6 लोगों की मौत हुई और 150 से अधिक लोग घायल हुए।
पुतिन का रुख और यूक्रेन के साथ बातचीत
हमले के दो दिन पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि वे यूक्रेन के साथ जारी जंग को रोकने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बातचीत की संभावना भी जताई। पुतिन ने कहा कि पिछले चार वर्षों से ट्रम्प के साथ उनका कोई संवाद नहीं हुआ है, लेकिन अगर ट्रम्प पहल करें तो वे उनसे मिलने को तैयार हैं। कजान में हुए इस हमले से साफ है कि रूस और यूक्रेन के बीच तनाव कम होने के बजाय और बढ़ता जा रहा है। दोनों पक्षों के बीच बातचीत की संभावनाओं के बावजूद इस तरह की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि शांति कायम करना आसान नहीं होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस युद्ध को जल्द नहीं रोका गया तो इसका असर पूरे यूरोप और दुनिया पर पड़ सकता है। इस घटना ने एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि युद्ध में तकनीक का दुरुपयोग कितना खतरनाक हो सकता है। ड्रोन जैसी तकनीक का इस्तेमाल जहां विकास और सुरक्षा के लिए होना चाहिए, वहीं इसका इस तरह के हमलों में उपयोग विनाशकारी साबित हो रहा है।

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