पटना में दो शराब तस्कर गिरफ्तार, स्कूटी के साथ भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद
पटना। नए साल से पहले पटना में शराब तस्करी के खिलाफ पुलिस की सक्रियता तेज हो गई है। इसी कड़ी में पटना सिटी के मुगलपुरा टीओपी पुलिस ने सोमवार देर रात एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दो शराब तस्करों को गिरफ्तार किया है। दोनों युवक स्कूटी के जरिए भारी मात्रा में विदेशी शराब की तस्करी कर रहे थे। पुलिस ने बर्गना के पास से इन्हें रंगे हाथों पकड़ा, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।
गुप्त सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई
मुगलपुरा टीओपी प्रभारी चुन्नू कुमार ने बताया कि नए साल को देखते हुए शराब तस्करी बढ़ने की आशंका थी। इसी कारण उच्च अधिकारियों के निर्देश पर लगातार विशेष अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि कुछ युवक स्कूटी से विदेशी शराब की खेप लेकर जा रहे हैं। सूचना को गंभीरता से लेते हुए तुरंत एक विशेष टीम का गठन किया गया और संभावित रास्तों पर निगरानी बढ़ा दी गई।
बर्गना के पास स्कूटी की जांच में खुला राज
पुलिस टीम ने देर रात बर्गना के पास संदिग्ध स्कूटी को रोककर जांच की। शुरुआत में युवक सामान्य दिखे, लेकिन जब स्कूटी की तलाशी ली गई तो डिक्की से भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद हुई। इसके बाद दोनों युवकों को मौके पर ही हिरासत में ले लिया गया। शराब की खेप देखकर पुलिस भी हैरान रह गई, क्योंकि यह साफ तौर पर नए साल के जश्न के लिए सप्लाई की जा रही थी।
गिरफ्तार युवकों की पहचान
गिरफ्तार युवकों की पहचान रॉकी कुमार और विजय प्रभाकर के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार दोनों पटना सिटी इलाके के ही रहने वाले हैं। पूछताछ में सामने आया है कि ये दोनों काफी समय से शराब तस्करी के धंधे में सक्रिय थे और स्कूटी का इस्तेमाल इसलिए करते थे ताकि आसानी से भीड़भाड़ वाले इलाकों में निकल सकें और पुलिस की नजर से बच सकें।
तस्करी का तरीका और नेटवर्क
पुलिस पूछताछ में दोनों युवकों ने खुलासा किया कि वे उत्तर प्रदेश से ट्रेन के जरिए विदेशी शराब पटना सिटी लाते थे। ट्रेन से शराब लाने के बाद उसे अलग-अलग हिस्सों में बांटकर स्कूटी की डिक्की में छिपा दिया जाता था। इसके बाद शहर के विभिन्न इलाकों में ग्राहकों तक शराब पहुंचाई जाती थी। इस तरीके से वे लंबे समय से तस्करी कर रहे थे और नए साल के मौके पर मांग बढ़ने का फायदा उठाने की तैयारी में थे।
नए साल के जश्न को लेकर बढ़ी सतर्कता
बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद त्योहारों और नए साल जैसे मौकों पर शराब की तस्करी बढ़ जाती है। इसी को देखते हुए पुलिस प्रशासन पहले से ही अलर्ट मोड में है। पटना सिटी समेत पूरे जिले में जगह-जगह चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्रवाई को पुलिस की इसी सतर्कता का नतीजा माना जा रहा है।
पुलिस की आगे की जांच
टीओपी प्रभारी चुन्नू कुमार ने बताया कि फिलहाल दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह शराब किन-किन लोगों तक पहुंचाई जानी थी और इनके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं। यह भी जांच की जा रही है कि दोनों कितने समय से इस धंधे में लगे थे और अब तक कितनी शराब की सप्लाई कर चुके हैं।
बड़े रैकेट की आशंका
पुलिस को आशंका है कि यह केवल दो लोगों का काम नहीं, बल्कि इसके पीछे एक पूरा रैकेट सक्रिय हो सकता है। उत्तर प्रदेश से शराब मंगाने, ट्रेन के जरिए परिवहन और फिर स्थानीय स्तर पर डिलीवरी करने के लिए नेटवर्क की जरूरत होती है। ऐसे में पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने की तैयारी में जुट गई है।
शराबबंदी के बावजूद जारी चुनौती
बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद भी शराब तस्करी प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। सीमावर्ती राज्यों से शराब की तस्करी लगातार हो रही है। हालांकि पुलिस और उत्पाद विभाग समय-समय पर बड़ी कार्रवाइयां कर रहे हैं, लेकिन नए-नए तरीकों से तस्कर कानून को चुनौती देने की कोशिश करते रहते हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद इलाके के लोगों ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की है। लोगों का कहना है कि नए साल के दौरान शराब के कारण अक्सर शांति भंग होती है और अपराध बढ़ते हैं। ऐसे में समय रहते की गई इस कार्रवाई से इलाके में शांति बनाए रखने में मदद मिलेगी।
आगे की कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ शराबबंदी कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया है। बरामद विदेशी शराब और स्कूटी को जब्त कर लिया गया है। जल्द ही आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा। पुलिस का दावा है कि आने वाले दिनों में शराब तस्करी के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा। पटना सिटी में दो शराब तस्करों की गिरफ्तारी यह दिखाती है कि नए साल से पहले पुलिस पूरी तरह सतर्क है। स्कूटी के जरिए शराब तस्करी का भंडाफोड़ होना यह भी बताता है कि तस्कर किस तरह नए-नए तरीके अपनाते हैं। अब सबकी नजर इस बात पर है कि पुलिस इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों तक कब तक पहुंच पाती है और शराब तस्करी पर कितनी प्रभावी रोक लगा पाती है।


