PATNA : इंद्रपुरी से 2 साइबर अपराधी गिरफ्तार; पटियाला के रहने वाले शख्स से वाट्सएप कॉल कर की थी डेढ़ लाख की ठगी, जानें पूरा मामला

पटना। पंजाब के पटियाला के रहने वाले एक शख्स से ठगी करने वाले पटना के दो साइबर फ्रॉड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार शातिरों में दरभंगा के विजय विक्रम और योगेश कुमार चौधरी शामिल हैं। दोनों वर्तमान में के रोड नंबर 10 में किराये के मकान में रहकर साइबर क्राइम की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। ये दरअसल, गिरफ्तार शातिरों ने पंजाब के पटियाला के रहने वाले शमशेर सिंह को वाट्सएप कॉल कर आपके बेटे के कनाडा में एक्सीडेंट होने की सूचना दी। खुद को बेटे के दोस्त का पिता बताया। एक लाख 40 हजार रुपये भेजने को कहा। पिता ने तुरंत पैसा भेज दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब बेटे ने फोन किया। इसके बाद पिता ने बेटे को पूरा मामला बताया।
दरभंगा में भी हैं इनका गिरोह एक्टिव
जानकारी के मुताबिक, शमशेर सिंह ने पटियाला थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी। वहां की पुलिस ने जांच शुरू कर पटना के शास्त्री नगर थाने को सूचना दी और बताया कि साइबर फ्रॉड का पैसा पटना के बैंक के खाते में गया है। इसके बाद पुलिस ने बैंक से डिटेल निकाला और दोनों शातिरों के मोबाइल नंबर के आधार पर उनके पते पर पहुंच गयी और उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। शातिरों के मोबाइल नंबर से कई लोगों के नंबर मिले हैं, जो दरभंगा के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि दरभंगा में भी इनका गिरोह एक्टिव है। वही, गिरफ्तार योगेश कुमार चौधरी इंजीनियरिंग का छात्र है और विजय विक्रम ग्रेजुएट है। गिरोह में इन दोनों के अलावे और भी कई शातिर हैं, जो बिहार के विभिन्न जिलों में एक्टिव हैं। सेंट्रल एसपी ने बताया कि साइबर फ्रॉड गिरोह का सरगना योगेश ही है। गिरोह में कई अच्छे परिवार के छात्र शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
गिरोह के पास मिले दर्जन भर खाते, मुनाफे पर डील लोगों से खुलवाते थे अकाउंट
गिरोह के पास से दर्जन भर खातों का डिटेल मिला है। एक खाते में एक लाख 40 हजार रुपये भी मिले हैं। सरगना योगेश ने सभी को अलग-अलग काम बांट रखा था। पटना के फ्लैट पर वह साइबर फ्रॉड का ट्रेनिंग भी दिलाता था। पुलिस ने फ्लैट में जब छापेमारी की, तो कई दस्तावेज व इलेक्ट्रॉनिक सामान भी बरामद हुए हैं। वही इस संबध में सेंट्रल एसपी ने बताया कि जिनके खाते खुलवाये जाते थे, उन्हें पांच हजार का लालच देते थे। उन खातों में फ्रॉड अपना नंबर डलवाते थे। एटीएम, चेक और पासबुक अपने पास रख लेते थे। पैसे निकासी करने वाले को 10 प्रतिशत खाता खुलवाने वाले को 12 प्रतिशत और सरगना के खाते में 14 प्रतिशत राशि दी जाती थी।
विदेशों में रहने वालों का डाटा भी इनके पास, अब तक एक करोड़ से भी अधिक रुपये ठगे
इस घटना में सबसे बड़ी बात यह रही की विदेश में कौन व्यक्ति क्या कर रहा है, ऐसे कई लोगों का डाटा शातिरों के पास से मिला है। कनाडा, दुबई, अमेरिका के अलावे अन्य गल्फ कंट्री के कई लोगों के नाम, नंबर और पता समेत उनके इ-मेल आइडी भी मिले हैं। एक शख्स से कम से कम एक लाख ठगने का टारगेट रहता है। अब तक एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं।

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