दानापुर यार्ड में पटरी से उतरी ट्रेन, बड़ा हादसा टला, मची अफरा-तफरी
पटना। दानापुर रेल यार्ड में शनिवार को एक बड़ा हादसा होते–होते टल गया। मिली जानकारी के अनुसार यहां खड़ी एक ट्रेन अचानक पटरी से उतर गई। जैसे ही यह खबर फैली, पूरे इलाके में अफरा–तफरी का माहौल बन गया। गनीमत यह रही कि इस दुर्घटना में किसी भी यात्री को चोट नहीं पहुँची और न ही जान–माल की कोई क्षति हुई।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, घटना अचानक हुई और पहले तो लोगों को लगा कि कोई बड़ा हादसा हो गया है। लेकिन बाद में पता चला कि ट्रेन के डिब्बे पटरियों से उतर गए हैं। हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन और तकनीकी टीम तुरंत मौके पर पहुँच गई। लगभग दो घंटे की कठिन मशक्कत के बाद ट्रेन को वापस पटरी पर चढ़ा लिया गया। इस दौरान यार्ड के आसपास रेल यातायात प्रभावित रहा और यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल हादसे के सही कारणों का पता नहीं चल सका है। प्राथमिक रूप से आशंका जताई जा रही है कि तकनीकी खामी, पटरियों की समस्या या यार्ड में लापरवाही इसकी वजह हो सकती है। लेकिन वास्तविक कारणों का खुलासा विस्तृत जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगा। रेलवे ने जांच के आदेश दे दिए हैं और जिम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह घटना इसलिए भी चिंताजनक मानी जा रही है क्योंकि पिछले बीस दिनों में दानापुर स्टेशन और उसके आसपास यह तीसरी बार ऐसा मामला सामने आया है। बार–बार हो रही इन घटनाओं ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यार्ड क्षेत्र में ट्रेनों की आवाजाही बहुत अधिक होती है, ऐसे में यदि सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन न किया जाए तो बड़ी दुर्घटनाएँ हो सकती हैं। यात्रियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि लगातार हो रही घटनाओं से उनका भरोसा डगमगा रहा है। वे चाहते हैं कि रेलवे सुरक्षा मानकों को और मजबूत करे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। रेलवे प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और जल्द ही सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। अधिकारियों ने यह भी कहा कि नियमित निरीक्षण और तकनीकी सुधारों के जरिए इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने का प्रयास किया जाएगा। कुल मिलाकर, दानापुर यार्ड में ट्रेन का पटरी से उतरना भले ही बड़ा हादसा नहीं बना, लेकिन यह चेतावनी है कि रेलवे को अपनी सुरक्षा व्यवस्था और तकनीकी निगरानी को और बेहतर बनाने की ज़रूरत है। लगातार हो रही घटनाएँ यह संकेत देती हैं कि लापरवाही या संरचनात्मक खामियों पर तुरंत ध्यान देना आवश्यक है। वरना किसी दिन छोटी–सी चूक बड़ा हादसा बन सकती है।


