October 29, 2025

पटना में रक्षाबंधन पर दर्दनाक हादसा, गंगा स्नान करने गए तीन युवक डूबे, एक की मौत

पटना। राजधानी पटना में रक्षाबंधन के दिन खुशियों के बीच दो अलग-अलग जगहों पर हुए हादसों ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। बख्तियारपुर के सीढ़ी घाट पर गंगा स्नान करने गए तीन युवकों में से एक की डूबने से मौत हो गई, जबकि दूसरी घटना में महाने नदी में नहाने के दौरान एक मासूम बच्ची की जान चली गई।
गंगा स्नान के दौरान युवक की मौत
पहली घटना बाढ़ अनुमंडल के बख्तियारपुर सीढ़ी घाट की है, जहां 20 वर्षीय छोटू कुमार गंगा स्नान के लिए गया था। छोटू बख्तियारपुर के नया टोला माधोपुर का निवासी था और कपड़े की दुकान में काम करता था। उसके पिता संजय कुमार ने बताया कि उन्होंने बेटे को गंगा स्नान करने से मना किया था। छोटू ने पिता को दुकान खोलने जाने का बहाना बनाकर घर से निकलने की बात कही थी, लेकिन वह अपने दोस्तों के साथ गंगा तट पर चला गया। दुर्घटना के समय छोटू की दो बड़ी बहनें राखी बांधने के लिए घर आई हुई थीं। इस दुखद समाचार ने पूरे परिवार को शोक में डुबो दिया, खासकर बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता संजय कुमार जब राशन लेने बाजार गए थे, तभी रास्ते में उन्हें बेटे के डूबने की सूचना मिली।
स्थानीय लोगों का प्रयास और असफलता
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तीनों युवक एक ही गांव के थे और स्नान के दौरान तेज बहाव में फंस गए। मौके पर मौजूद लोगों ने साड़ी फेंककर दो युवकों को बचा लिया, लेकिन छोटू को नहीं बचा पाए। बताया जा रहा है कि छोटू ने सीढ़ी घाट पर बने पथवे से गंगा में छलांग लगाई थी। इसी दौरान उसका सिर किसी कठोर सतह से टकरा गया, जिससे वह बेहोश हो गया और डूब गया।
महाने नदी में बच्ची की मौत
इसी दिन दूसरी घटना बख्तियारपुर के सिरसी गांव के पास महाने नदी में घटी। यहां सिरसी गांव की 7 वर्षीय माही कुमारी नहाने के लिए नदी में गई थी। नहाते समय वह गहरे पानी में चली गई और डूब गई। स्थानीय लोगों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
त्योहार की खुशी में मातम
रक्षाबंधन जैसे पवित्र और आनंदमय अवसर पर हुए इन हादसों ने पूरे इलाके को शोकाकुल कर दिया। जहां एक ओर परिवार बहनों-भाइयों के प्रेम का उत्सव मना रहे थे, वहीं इन दोनों घटनाओं ने कई घरों की खुशियां छीन लीं।
सावधानी की जरूरत
गंगा या अन्य नदियों में स्नान के दौरान सावधानी न बरतने से हर साल ऐसी घटनाएं सामने आती हैं। तेज बहाव, गहरे पानी और पथरीले किनारे खतरनाक साबित हो सकते हैं। प्रशासन और स्थानीय लोगों का मानना है कि त्योहार या भीड़भाड़ के समय घाटों पर सुरक्षा प्रबंध बढ़ाए जाने चाहिए और बिना तैराकी के कौशल वाले लोगों को गहरे पानी में जाने से रोकना चाहिए। रक्षाबंधन के दिन हुई इन दो दर्दनाक घटनाओं ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि थोड़ी सी सावधानी और सतर्कता कई जिंदगियों को बचा सकती है। जहां एक ओर भाई-बहन के रिश्ते की डोर बंध रही थी, वहीं दूसरी ओर दो परिवारों ने अपने चहेतों को सदा के लिए खो दिया।

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