पटना में मूसलाधार बारिश से कई इलाकों में भारी जलजमाव, येलो अलर्ट जारी, गांधी मैदान में 3 फीट तक भरा पानी
पटना। सोमवार को हुई मूसलाधार बारिश ने राजधानी समेत कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। सुबह से लगातार हो रही बारिश के कारण शहर के प्रमुख इलाकों में जलजमाव की स्थिति बन गई है। पटना के कुर्जी, पाटलिपुत्र कॉलोनी, जेपी गंगा पथ, पटना जंक्शन और राजेंद्र नगर जैसे इलाकों में पानी भर गया। हालात यह रहे कि गांधी मैदान और जेपी गोलंबर के पास 2 से 3 फीट तक पानी जमा हो गया, जिससे लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतें झेलनी पड़ीं। राजधानी में दो घंटे की बारिश के बाद ही सड़कों पर तालाब जैसी स्थिति बन गई, जिससे नगर निगम की तैयारियों पर सवाल खड़े हो गए। पटना ही नहीं, बल्कि छपरा, बेगूसराय, जहानाबाद और नालंदा में भी भारी बारिश दर्ज की गई है। गोपालगंज और मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के कई जिलों में काले बादल छाए रहे और रुक-रुक कर बारिश होती रही। जहानाबाद जिले की नदियां उफान पर हैं। सड़कें नदी के पानी से ढक गईं और कई गांव डूब गए। नालंदा जिले में झारखंड की ओर से हो रही बारिश का सीधा असर देखा गया। इसके कारण यहां की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। हिलसा प्रखंड के करीब 18 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। खेतों, घरों और रास्तों में पानी भर जाने से ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। मौसम विभाग ने पूरे बिहार के लिए सोमवार को येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक राज्य में मानसून सक्रिय रहेगा। 29 अगस्त तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में हल्की, मध्यम और कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। खासकर उत्तर-पूर्व बिहार के जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि जलजमाव और बाढ़ जैसी स्थिति और गंभीर हो सकती है। बारिश ने जहां लोगों को उमस और गर्मी से राहत दी है, वहीं दूसरी ओर पानी भरने और यातायात बाधित होने के कारण दिक्कतें बढ़ गई हैं। पटना जैसे बड़े शहर में थोड़ी देर की बारिश के बाद ही जगह-जगह पानी भर जाना नगर निगम और प्रशासन की तैयारी की पोल खोल देता है। गांधी मैदान जैसे प्रमुख स्थल पर तीन फीट तक पानी भर जाना साफ संकेत देता है कि जलनिकासी व्यवस्था अब भी कमजोर है।कुल मिलाकर, राजधानी पटना और बिहार के अन्य जिलों में मानसून ने एक बार फिर लोगों को राहत और मुसीबत दोनों साथ दी हैं। जहां एक ओर किसानों के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हो सकती है, वहीं शहरी और ग्रामीण इलाकों में जलजमाव और बाढ़ से लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। यदि आने वाले दिनों में बारिश का यही सिलसिला जारी रहा, तो कई और इलाकों में स्थिति गंभीर हो सकती है। इसलिए प्रशासन और स्थानीय निकायों के सामने सबसे बड़ी चुनौती जलजमाव की समस्या से निपटना और बाढ़ प्रभावित लोगों को समय पर राहत पहुंचाना होगा।


