पटना में नकली पुलिस बनकर वसूली करने वाले तीन अपराधी गिरफ्तार, बड़ी मात्रा में गांजा बरामद
पटना। बिहार में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। अपराधी अब इतने बेखौफ हो गए हैं कि वे पुलिस की वर्दी का सहारा लेकर जनता और अवैध कारोबारियों से वसूली करने लगे हैं। ऐसी ही एक घटना हाल ही में पटना से सामने आई है, जिसने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस मामले में संलिप्त तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है और बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ (गांजा) भी बरामद किया है।
पटना जंक्शन पर नकली पुलिस का भंडाफोड़
यह घटना पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित पटना जंक्शन इलाके की है। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग खुद को पुलिसकर्मी बताकर वसूली कर रहे हैं और मादक पदार्थ की तस्करी में शामिल हैं। सूचना मिलते ही कोतवाली थाने की टीम ने मौके पर पहुंचकर छापेमारी की और तीन युवकों को गिरफ्तार किया।
मुख्य आरोपी फिरोज खान उर्फ सोनू
गिरफ्तार किए गए युवकों में से एक की पहचान पटना सिटी के पश्चिम दरवाजा निवासी फिरोज खान उर्फ सोनू के रूप में हुई है। वह खुद को पुलिस का मुखबिर बताकर गांजा और सूखे नशे के अवैध कारोबारियों से वसूली करता था। वह उन्हें डरा-धमकाकर पैसे वसूलता था और खुद को पुलिस से जुड़ा व्यक्ति बताता था जिससे कोई उसका विरोध न करे।
आपराधिक इतिहास उजागर
पुलिस द्वारा पूछताछ में फिरोज खान उर्फ सोनू ने यह स्वीकार किया है कि वह पहले भी कई आपराधिक घटनाओं में शामिल रह चुका है। उसने बताया कि वह गांधी मैदान थाना क्षेत्र में रंगदारी, अगमकुंआ में मारपीट और खाजेकलां थाना में मारपीट के मामलों में आरोपी है। यह स्पष्ट करता है कि वह एक पुराना अपराधी है और आपराधिक गतिविधियों में पहले से संलिप्त रहा है।
मादक पदार्थ की बरामदगी और कार्रवाई
पुलिस ने छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में गांजा भी बरामद किया है। यह मादक पदार्थ संभवतः अवैध तस्करी के उद्देश्य से रखा गया था। तीनों आरोपियों को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि इनके संपर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं और क्या यह कोई बड़ा गिरोह है जो नकली पुलिस बनकर वसूली और तस्करी जैसे अपराधों को अंजाम दे रहा है।
जनता में डर और प्रशासन पर दबाव
इस घटना के बाद आम लोगों के बीच भय का माहौल है, क्योंकि जब नकली पुलिस बनकर कोई अपराध करता है तो लोग उसे असली समझकर उसका विरोध नहीं कर पाते। यह कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती है। हालांकि, कोतवाली थाना की तत्परता से यह मामला सामने आया और अपराधियों को पकड़ लिया गया, जिससे लोगों ने कुछ राहत की सांस ली है। यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि अपराधी कानून से नहीं बल्कि कानून की आड़ में अपराध कर रहे हैं। नकली पुलिस बनकर वसूली और नशे के कारोबार में शामिल लोगों का भंडाफोड़ कर पटना पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए पुलिस को सतर्कता और निगरानी और तेज करनी होगी। अपराधियों की पहचान और गिरोह के नेटवर्क को उजागर करना अब पुलिस के सामने अगली बड़ी चुनौती है।


