पटना में महाशिवरात्रि पर बड़ा हादसा, गंगा स्नान करने आए तीन श्रद्धालु डूबे, तलाश जारी

पटना। राजधानी पटना में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर गंगा स्नान के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। बुधवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ गंगा स्नान के लिए उमड़ी थी, इसी बीच कलेक्ट्रेट घाट पर स्नान कर रहे तीन लोग अचानक गहरे पानी में चले गए और डूब गए। इस घटना के बाद घाट पर अफरा-तफरी मच गई। महाशिवरात्रि के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे थे। स्नान के दौरान तीन लोग नदी के तेज बहाव में बह गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत शोर मचाया और प्रशासन को इसकी सूचना दी। मौके पर मौजूद अन्य श्रद्धालु भी उन्हें बचाने की कोशिश करने लगे, लेकिन तब तक तीनों पानी में लापता हो गए।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। तुरंत ही गोताखोरों की टीम को मौके पर बुलाया गया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं। स्थानीय पुलिस भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। हालांकि, खबर लिखे जाने तक तीनों श्रद्धालुओं का पता नहीं चल सका था।
घाट पर मचा हड़कंप
घटना के बाद कलेक्ट्रेट घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बन गया। कई लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि इतनी भीड़ होने के बावजूद सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। कुछ लोगों का कहना है कि अगर घाट पर पहले से गोताखोर तैनात होते, तो हादसे को रोका जा सकता था।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
हादसे के बाद जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है। पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे गहरे पानी में जाने से बचें और स्नान के दौरान सतर्कता बरतें। प्रशासन का कहना है कि घटना के कारणों की जांच की जा रही है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
गंगा स्नान और सुरक्षा के उपाय
विशेषज्ञों के अनुसार, गंगा नदी में स्नान के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। नदी में बहाव तेज होता है, जिससे हादसे की संभावना बनी रहती है। प्रशासन को चाहिए कि वह विशेष पर्वों के दौरान घाटों पर अतिरिक्त गोताखोरों और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती करे। इसके अलावा, श्रद्धालुओं को भी गहरे पानी में जाने से बचना चाहिए और जीवनरक्षक जैकेट पहनने जैसी सावधानियां बरतनी चाहिए। महाशिवरात्रि के दिन हुआ यह हादसा बेहद दुखद है। इस घटना ने एक बार फिर से सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। प्रशासन को इस तरह की घटनाओं से सबक लेना चाहिए और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। फिलहाल, डूबे हुए श्रद्धालुओं की तलाश जारी है और पूरा क्षेत्र शोक और दहशत के माहौल में डूबा हुआ है।
