अमृतसर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकी देने वाला गिरफ्तार, भेजा था फर्जी मेल
अमृतसर। अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है। यह धमकी फर्जी साबित हुई, लेकिन पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ कर रही है। घटना की शुरुआत उस समय हुई जब इंडिगो एयरलाइंस के आधिकारिक ईमेल पर एक संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें एयरपोर्ट पर छह बम लगाए जाने की बात कही गई थी। धमकी देने वाले ने मांग की थी कि अगर उसे एक करोड़ रुपये नहीं दिए गए, तो वह एयरपोर्ट को बम से उड़ा देगा। इस धमकी ने एयरपोर्ट और सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा दिया। जैसे ही धमकी भरा ईमेल मिला, एयरलाइन कंपनी ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए हवाई अड्डे की गहन जांच शुरू की। सीआईएसएफ और पुलिस की टीम ने एयरपोर्ट के सभी हिस्सों की छानबीन की, लेकिन कहीं भी कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली। अंततः यह स्पष्ट हो गया कि धमकी फर्जी थी और इसका मकसद सिर्फ दहशत फैलाना था। इसके बाद, पुलिस ने धमकी देने वाले व्यक्ति का पता लगाने के लिए साइबर ट्रेसिंग और अन्य जांच प्रक्रियाओं का सहारा लिया। जांच के बाद, पुलिस ने गुरदेव सिंह उर्फ साबी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया, जो फिरोजपुर का रहने वाला है। आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि आरोपी ने यह फर्जी धमकी क्यों दी और इसके पीछे उसका असली मकसद क्या था। गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब पंजाब में किसी हवाई अड्डे को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इससे पहले, दो महीने पहले चंडीगढ़ एयरपोर्ट को भी इसी तरह की धमकी मिली थी। उस घटना में भी ईमेल के जरिए धमकी दी गई थी, लेकिन जांच के बाद वह भी फर्जी निकली। चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर धमकी के बाद मोहाली पुलिस और सीआईएसएफ ने संयुक्त रूप से जांच की, लेकिन वहां कोई बम नहीं मिला और उड़ानों का संचालन सामान्य रूप से बहाल कर दिया गया। अमृतसर एयरपोर्ट पर मिली इस धमकी ने एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। हालांकि धमकी फर्जी थी, लेकिन इसने हवाई अड्डे और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस अब आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसने इस तरह की धमकी क्यों दी और क्या इसके पीछे कोई और बड़ी साजिश तो नहीं है। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए और भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटा जा सके। अंततः, इस फर्जी धमकी ने साबित कर दिया है कि सुरक्षा तंत्र को और भी मजबूत और सतर्क होने की आवश्यकता है, ताकि इस तरह की फर्जी धमकियों के बावजूद आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


