September 17, 2025

बिहार के सरकारी वेबसाइट्स पर अपराधियों की नजर, साइबर अटैक का खतरा, ऑडिट कराने का निर्देश जारी

पटना। बिहार राज्य में साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं के बीच राज्य सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है। अब सभी सरकारी विभागों की वेबसाइटों और ऑनलाइन सेवाओं की साइबर सुरक्षा का ऑडिट कराया जाएगा। यह कदम राज्य की डिजिटल संरचना को सुरक्षित रखने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ईओयू को बनाया गया नोडल एजेंसी
सरकार ने इस पूरे कार्य के लिए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है। ईओयू अब सभी विभागों की वेबसाइटों और ऑनलाइन सेवाओं की सुरक्षा जांच करवाएगी। यह देखा जाएगा कि संबंधित वेबसाइट साइबर सुरक्षा के निर्धारित मानकों पर खरी उतर रही हैं या नहीं। जहां भी खामियां पाई जाएंगी, उन्हें जल्द से जल्द दूर किया जाएगा।
ईओयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि वर्तमान समय में साइबर अपराधों ने एक संगठित रूप ले लिया है और कई मामलों में अंतरराज्यीय गिरोहों की भूमिका भी उजागर हुई है। ऐसे में सरकारी डाटा और सेवाओं को सुरक्षित करना बेहद आवश्यक हो गया है।
साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं बनी चिंता का विषय
बिहार ही नहीं, पूरे देश में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर सरकारी संस्थानों को टारगेट बनाना अब साइबर अपराधियों की रणनीति का हिस्सा बन चुका है। हाल ही में देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान एम्स में हुआ साइबर अटैक इसका ताजा उदाहरण है। इस हमले के कारण वहां की सभी डिजिटल सेवाएं बाधित हो गई थीं। बिहार में भी डायल-112, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, जल आपूर्ति सेवाओं और अन्य लोक उपयोगी वेबसाइटों पर साइबर हमले हो चुके हैं। इन हमलों ने राज्य सरकार को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाए।
सीडैक और आई4सी की मदद से होगी ऑडिट प्रक्रिया
साइबर सुरक्षा ऑडिट की इस पूरी प्रक्रिया को देश की प्रमुख एजेंसियों के सहयोग से अंजाम दिया जाएगा। इसमें सीडैक (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग) और आई4सी (इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर) की भूमिका अहम होगी। ये संस्थान तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य की वेबसाइटें और सेवाएं आधुनिक सुरक्षा मानकों का पालन करें।
ऑडिट की प्रक्रिया और कार्ययोजना
साइबर ऑडिट को लेकर कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिसमें प्रत्येक सरकारी विभाग की वेबसाइट और उससे संबंधित सर्वर की सुरक्षा स्थिति की जांच की जाएगी। जहां कहीं भी डेटा सुरक्षा, नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर या एक्सेस नियंत्रण में कोई कमी पाई जाएगी, वहां सुधारात्मक उपाय लागू किए जाएंगे। इसके साथ ही सभी सरकारी कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। बिहार सरकार का यह निर्णय समय की मांग है। जिस तरह साइबर हमलों का दायरा बढ़ता जा रहा है, उसमें यह जरूरी हो गया है कि सभी सरकारी ऑनलाइन संसाधनों को आधुनिक सुरक्षा उपायों से लैस किया जाए। साइबर सुरक्षा केवल तकनीकी मामला नहीं, बल्कि प्रशासनिक प्राथमिकता भी बन चुकी है। सरकार की यह पहल न केवल जनता की सेवाओं को बाधित होने से बचाएगी, बल्कि अपराधियों के इरादों पर भी लगाम लगाने में सहायक होगी।

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