December 31, 2025

बिहार में बिजली बिल जमा नही करने वालों की कटेगी बिजली: चलेगा विशेष अभियान, 9500 करोड़ का बकाया

पटना। बिहार में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य में लंबे समय से बिजली बिल जमा नहीं करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं पर अब सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली गई है। बिजली कंपनियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन उपभोक्ताओं पर बकाया है, उनसे हर हाल में वसूली की जाएगी। यदि इसके बाद भी बिल जमा नहीं किया गया तो पहले बिजली कनेक्शन काटा जाएगा और फिर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान से राज्य के करीब 50 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता प्रभावित हो सकते हैं।
9500 करोड़ रुपये का बकाया बना चुनौती
बिहार की बिजली कंपनियों पर घरेलू उपभोक्ताओं का कुल बकाया लगभग 9500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसमें साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड का करीब 6000 करोड़ रुपये और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड का लगभग 3500 करोड़ रुपये बकाया है। यह राशि केवल घरेलू उपभोक्ताओं की है। कुल मिलाकर बिजली कंपनियों के ऊपर उपभोक्ताओं का बकाया करीब 15 हजार करोड़ रुपये बताया जा रहा है, जिससे कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर गंभीर असर पड़ रहा है।
मुफ्त बिजली योजना के बाद बढ़ा बकाया
राज्य सरकार द्वारा 125 यूनिट मुफ्त बिजली की योजना लागू किए जाने के बाद बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने पुराने बकाया बिलों का भुगतान नहीं किया। कई लोगों ने यह मान लिया कि मुफ्त बिजली मिलने के बाद पुराने बिलों का भुगतान जरूरी नहीं है, जबकि ऐसा नहीं है। बिजली कंपनी ने साफ किया है कि मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए पहले से बकाया राशि जमा करना अनिवार्य है। बकाया होने की स्थिति में उपभोक्ता इस योजना के लाभ से वंचित हो सकते हैं।
विशेष वसूली अभियान की शुरुआत
बकाया बिजली बिल की वसूली के लिए बिजली कंपनियों ने राज्यभर में विशेष अभियान शुरू किया है। हर सेक्शन में तीन-तीन कर्मियों की टीम बनाई गई है, जो जूनियर इंजीनियर के निर्देश पर उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर बकाया राशि की जानकारी दे रही है। इन टीमों का उद्देश्य पहले उपभोक्ताओं को भुगतान के लिए प्रेरित करना है, लेकिन भुगतान नहीं होने की स्थिति में कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी की जा रही है।
अब तक हजारों कनेक्शन कटे
बिजली कंपनी मुख्यालय के अनुसार दिसंबर महीने में अब तक 1,02,189 बकायादार उपभोक्ताओं की बिजली लाइन काटी जा चुकी है। इनमें साउथ बिहार के 17 जिलों के 54,356 उपभोक्ता और नॉर्थ बिहार के 21 जिलों के 47,833 उपभोक्ता शामिल हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि वसूली अभियान को गंभीरता से लागू किया जा रहा है और आगे यह संख्या और बढ़ सकती है।
ऊर्जा सचिव के निर्देश पर तेज हुई कार्रवाई
पिछले महीने हुई समीक्षा बैठक में ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह ने बिजली कंपनियों को बकाया वसूली में तेजी लाने का स्पष्ट निर्देश दिया था। उन्होंने कहा था कि बढ़ते बकाया के कारण कंपनियों को बिजली खरीदने वाली एजेंसियों को समय पर भुगतान करने में परेशानी हो रही है। इसके चलते कंपनियों को अतिरिक्त ब्याज भी देना पड़ता है, जिससे नुकसान और बढ़ जाता है।
बढ़ते ब्याज से बढ़ता बोझ
बकाया बिजली बिल पर बिजली कंपनी सालाना 18 प्रतिशत ब्याज वसूलती है। इसका मतलब है कि हर महीने करीब 1.5 प्रतिशत ब्याज बकाया राशि पर जुड़ता रहता है। यदि उपभोक्ता समय पर भुगतान नहीं करते हैं तो उनका बकाया लगातार बढ़ता चला जाता है। कई मामलों में मूल बिल से कहीं ज्यादा राशि ब्याज के रूप में जुड़ चुकी है, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
कंपनी को हो रहा आर्थिक नुकसान
बिजली कंपनियों का कहना है कि बकाया राशि की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है। कंपनियों को जहां से बिजली खरीदी जाती है, वहां समय पर भुगतान नहीं हो पाने के कारण ब्याज देना पड़ता है। इसका सीधा असर बिजली व्यवस्था और विकास कार्यों पर पड़ रहा है। इसी कारण अब कंपनियां बकाया वसूली को प्राथमिकता में लेकर चल रही हैं।
किस्त में भुगतान की सुविधा
बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए यह भी कहा है कि बकाया राशि एकमुश्त न जमा कर पाने की स्थिति में किस्तों में भुगतान की सुविधा उपलब्ध है। इसके लिए उपभोक्ताओं को अपने क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता के पास आवेदन देना होगा। आवेदन स्वीकार होने पर बकाया राशि को किस्तों में जमा किया जा सकता है। इससे उपभोक्ताओं को अचानक बड़े भुगतान का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
सर्टिफिकेट केस की चेतावनी
बिजली कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कनेक्शन कटने के बाद भी उपभोक्ता बकाया राशि जमा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ सर्टिफिकेट केस दायर किया जाएगा। सर्टिफिकेट केस के तहत कानूनी प्रक्रिया शुरू होती है, जिसमें संपत्ति की कुर्की जैसी कार्रवाई भी संभव है। कंपनी का कहना है कि इस स्थिति तक पहुंचने से पहले उपभोक्ताओं को खुद ही भुगतान कर देना चाहिए।
उपभोक्ताओं के लिए जरूरी सतर्कता
इस अभियान से साफ है कि बिजली बिल को लेकर अब किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है। उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे अपने बकाया बिल की स्थिति की जांच करें और समय रहते भुगतान करें। इससे न केवल बिजली कटने से बचा जा सकता है, बल्कि बढ़ते ब्याज और कानूनी कार्रवाई से भी राहत मिलेगी। बिहार में बिजली कंपनियों द्वारा शुरू किया गया यह विशेष वसूली अभियान आने वाले समय में और सख्त हो सकता है। 9500 करोड़ रुपये के घरेलू बकाया ने कंपनियों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। ऐसे में उपभोक्ताओं के लिए यही बेहतर होगा कि वे समय पर बकाया राशि जमा करें और मुफ्त बिजली योजना का लाभ नियमों के तहत उठाएं। बिजली व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए उपभोक्ता और कंपनी दोनों की जिम्मेदारी बराबर है।

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