बूस्टर डोज पर शुरू हुई क्रेडिट लेने की होड़, राहुल गाँधी ने कहा- यह मेरा सुझाव था, PM ने मान लिया
देश। देश में ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि 3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों और 10 जनवरी से हेल्थ केयर वर्कर्स और साठ साल से ऊपर के गंभीर बीमारी वाले नागरिकों को डॉक्टर्स की सलाह पर वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज का विकल्प उपलब्ध होगा। पीएम के इस ऐलान पर राहुल गांधी की टिप्पणी आई है।

राहुल बोले- मेरे सुझाव को मान लिया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि केन्द्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए टीके की बूस्टर खुराक दिए जाने संबंधी ‘मेरे सुझाव को मान’ लिया है। गांधी ने साथ ही कहा कि टीके का कवच और बूस्टर खुराक देश के प्रत्येक नागरिक को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। राहुल के बयान से लगता है कि वह बूस्टर डोज संबंधी ऐलान का क्रेडिट लेना चाहते हैं। कांग्रेस नेता का यह बयान स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को दस जनवरी से ‘एहतियाती खुराक’ दिए जाने संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शनिवार को की गई घोषणा के बाद आया है।
राहुल गांधी ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा था कि 60 वर्ष से अधिक तथा अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों को एहतियाती खुराक चिकित्सकों की सलाह पर दी जाएगी। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया की केन्द्र सरकार ने बूस्टर खुराक के मेरे सुझाव को मान लिया है। यही सही कदम है। टीके का कवच और बूस्टर खुराक देश के सभी नागरिकों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने इसके लिए हैगटैग ‘बूस्टरजैब’ और ‘वैक्सिनेटइंडिया’ का इस्तेमाल किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने साथ ही 22 दिसंबर के अपने ट्वीट को भी टैग किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश की आबादी के बड़े हिस्से का अभी भी टीकाकरण नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने प्रश्न किया था कि सरकार कब बूस्टर खुराक की शुरुआत करेगी।

