सहरसा में एम्स निर्माण संघर्ष समिति के शिष्टमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात, महामहिम ने दिया आश्वासन

पटना,(अजीत)। एम्स निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार झा संरक्षक प्रवीण आनंद एवं सुधीर कुमार निदेशक बायो-फ्यूल तीन सदस्यीय शिष्टमंडल बिहार के महामहिम राज्यपाल से मिलकर सहरसा में एम्स निर्माण की सत्यता एवं एम्स सहरसा के मांग पर महामहिम को जानकारी दिए. लगभग 45 मिनट भेंटवार्ता में महामहिम आश्चर्यचकित होकर कहे कि जब 2017 में हीं सहरसा ने भूमि उपलब्ध करा दिया। दरभंगा का नाम 2016 के पत्र में है भी नहीं. फिर दरभंगा में एम्स के लिए भूमि क्यों खोजी गई. सहरसा के भूमि को राज्य सरकार को अविलंब केन्द्र सरकार को भेजना चाहिए ताकि जल्द से जल्द एम्स का निर्माण होकर जनता को लाभ मिल सके। महामहिम ने शिष्टमंडल को भरोसा दिया कि एम्स सहरसा पर प्रधानमंत्री जी को सही जानकारी दी जाएगी एवं राज्य सरकार को इस संबंध में दिशा निर्देश दिया जाएगा। सहरसा के भूमि का केन्द्रीय स्वास्थ्य परिवार मंत्रालय के उच्चस्तरीय टीम द्वारा निरीक्षण होना चाहिए। महामहिम को दिए गए ज्ञापन में उल्लखित किया गया है कि कोशी नदी एवं विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से यहाँ के लाखों लोग बीमारी लाचारी बेकारी आर्थिक तंगी आदि के कारण खासकर स्वास्थ्य के विषय पर देश में सबसे निचले स्थान पर आ चुका है. उचित ईलाज के अभाव में अधिकांश लोग दम तोड़ रहे हैं. अधिकांश गाँव एवं प्रखण्ड में कैंसर, किडनी लीवर की बीमारी, हृदय रोग आदि से लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं। कोशी प्रक्षेत्र में ढेर सारी त्रासदी आती रहती है एवं भयानक कुसहा त्रासदी भी हुई थी जिसमें लाखों घर ऊजड़ गया था.ईलाज के अभाव में कितने ने दम तोड़ दिया था। जानमाल की क्षति हुई थी. माननीय मुख्यमंत्री ने इसे प्रलय कहे थे जबकि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री जी उस भयंकर एवं भयावह रुप को इस त्रासदी को महाप्रलय कहे थे और गुजरात सरकार के रूप में हमारे कोशी वासियों का बहुत मदद भी किए थे उनका यह कहना भी था कि स्वास्थ्य के मामले में कोशी क्षेत्र में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है. माननीय प्रधानमंत्री के रूप में 2015 के आम बजट में भारत सरकार ने बिहार को इसी उद्देश्य से एम्स महा-अस्पताल दिया था कि कोशी वासियों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके। यह एम्स सहरसा में बने इस हेतु कोशी वासियों ने 28 फरवरी 2015 को हीं एम्स निर्माण संघर्ष समिति कोशी प्रमंडल सहरसा संगठन बनाकर उसके बैनर तले सरकार से मांग किया कि इस एम्स पर कोशी वासियों का हक है और माननीय प्रधानमंत्री जी माननीय मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को कई बार ज्ञापन दिया गया । लाखों हस्ताक्षर अभियान धरना प्रदर्शन भूख हड़ताल यहाँ के लोग शांति पूर्ण ढंग से कर सरकार से लगातार मांग करते रहे. इस मांग के समर्थन में 2016 में बिहार सरकार ने सहरसा सहित कुछ जिलों के जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर निर्देश दिए कि एम्स मानक के अनुसार 200 एकङ भूमि चिह्नित कर भेजा जाय। इन जिले के लिस्ट में दरभंगा जिला का नाम नहीं था इसका अर्थ कि दरभंगा में उच्च स्तर का डीएमसीएच है हीं और जिला पदाधिकारी सहरसा ने एम्स निर्माण संघर्ष समिति के साथियों के लगातार मांग के आलोक में अपने सभी अधिनस्थ पदाधिकारी के साथ भूमि का कई बार निरीक्षण कर एम्स मानक की भूमि उपसचिव स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार को अपने पत्रांक 1525 दिनांक 26 अगस्त 2017 को 217 एकङ 74 डिसमिल भूमि भेजकर लाखों कोशी वासियों को विश्वास दिला दिया कि हमारी सरकार हमारे सहरसा में एम्स बनाएगी। सङक से विधानसभा विधानपरिषद और लोकसभा में एम्स सहरसा का मांग उठा. एम्स का निर्माण सहरसा में हों स्थानीय माननीय सांसद मधेपुरा सहित बिहार के सभी दलों के 20 माननीय सांसद महोदय ने माननीय प्रधानमंत्री केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जी को अपना अपना हस्ताक्षर कर मांग किए। लेकिन हम कोशी वासियों को उस समय बहुत बड़ा आघात लगा कि राजनीति और कूटनीति के तहत हमारे सहरसा की भूमि आजतक केन्द्रीय सरकार को ना भेजकर दरभंगा में एम्स की बात हो रही है। यह लाखों कोशी वासियों के दुखों पर और नमक छिड़कना कहा जाएगा। मानवता के साथ अन्याय कहा जाएगा ,जबकि दरभंगा में तीन बार तीन जगह की भूमि को केन्द्रीय सरकार को भेजा गया जो एम्स मानक के अनुसार ना पाकर खारिज हुआ. सहरसा की भूमि को आजतक राज्य सरकार छिपाई हुई है जो केन्द्र को आजतक नहीं भेजी गयी । यहाँ की जनता दुखी होकर 31 जुलाई 2023 को सर्वदलीय निर्णय के आलोक में सहरसा ऐतिहासिक बंद किया जिसमें एक एक सहरसा वासियों ने अपने कार्यों का बहिष्कार कर सहरसा में एम्स का मांग किया. इस महाबंद से बिहार सरकार ने 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर सहरसा में मेडिकल कॉलेज की घोषणा कर सहरसा वासियों को खुश करने एवं एम्स सहरसा को लटकाने का कार्य किया है जो एम्स निर्माण संघर्ष समिति सहरसा के सदस्यों एवं सहरसा वासियों के संकल्प शक्ति को कमजोर करने का भरसक प्रयास है। अत: अपने महामहिम से हमलोग आग्रह करते हैं कि उपरोक्त सत्य एवं मानवीय मांग एम्स सहरसा हेतु यहाँ के लाखों कोशी वासियों के असीम पीड़ा से अवगत होते हुए जनहित और न्यायहित में सहरसा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान निर्माण हेतु यथा आदेश प्रदान करें ताकि एम्स निर्माण सही उद्देश्य में बन सके एवं यहाँ के लोगों को उम्मीद का किरण दिखाई दें। महामहिम राज्यपाल महोदय ने आश्वासन दिया कि इस संबंध में केंद्र और राज्य सरकार से उचित करवाई के लिए वार्ता करेगें।

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