देश में अगर यूसीसी लागू हुआ तो उसके परिणाम और दुष्परिणाम काफी भयानक होंगे : प्रशांत किशोर

पटना। इस समय देश में समान नागरिक संहिता पर सियासी घमासान जारी है। केंद्र की बीजेपी सरकार ने इस बार मानसून सत्र के दौरान संसद में इससे जुड़ा बिल लाने की सारी तैयारियां कर ली है वही देश में जहां एक धड़ा इसके पक्ष में है वही दूसरा धड़ा इसका विरोध कर रहा है। इसी कड़ी में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ी बात कहते हुए कहा है कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन के परिणाम, अच्छे या बुरे हों लेकिन भाजपा के अन्य मुख्य एजेंडे जैसे अयोध्या और अनुच्छेद 370 से कहीं अधिक बड़े होंगे। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया न तो देश के संस्थापक और न ही संघ के विचारक कभी इसके पक्ष में थे। किशोर 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान को संभालने के बाद प्रसिद्ध हुए थे। उन्होंने कहा कि देश की जो विविधता है उसे देखते हुए देश में यूसीसी लागू करना इतना आसान नहीं है जितना लग रहा है, लेकिन यह वर्षों से भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है। किशोर ने कहा की अनुच्छेद 370 कश्मीर से जुड़ा मामला था। भले ही मानसिक तौर पर वह पूरे देश से जुड़ा रहा हो। लेकिन सीधे तौर पर जो लोग उससे प्रभावित हुए, वे एक राज्य के लोग थे। राम मंदिर बन रहा, उससे भी पूरे देश की जनता प्रभावित नहीं होती है। उसके पक्ष और विपक्ष में लोग थे, वे लोग प्रभावित हुए। लेकिन यूसीसी का जो मुद्दा है वह सीधे तौर पर पूरे देश की जनता को प्रभावित करता है। इसे लागू करना ज्यादा कठिन है। उन्होंने कहा कि अगर यूसीसी देश में लागू होता है तो इसके परिणाम या दुष्परिणाम भी उतने ही बड़े हो सकते हैं। उस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि भाजपा अगले साल के लोकसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को सांप्रदायिक रूप से ध्रुवीकृत करने के लिए इस मुद्दे को उठा रही है।
