वैशाली में टेंपो चालक ने की आत्महत्या, फाइनेंसर की धमकी से परेशान होकर उठाया खौफनाक कदम

वैशाली। बिहार के वैशाली जिले में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहां एक टेंपो चालक ने फाइनेंसर की धमकी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। यह मामला लालगंज थाना क्षेत्र के रसूलपुर गांव का है। मृतक युवक की पहचान विवेक कुमार उर्फ मुन्ना के रूप में की गई है।
टेंपो की किस्त नहीं चुका पाने का बना कारण
जानकारी के अनुसार, विवेक ने पिछले वर्ष एक निजी फाइनेंस कंपनी से टेंपो खरीदा था, जिससे वह परिवार का भरण-पोषण कर रहा था। लेकिन पिछले दो महीनों से उसकी आमदनी लगभग ठप हो गई थी, जिस कारण वह समय पर टेंपो की किस्त नहीं चुका पा रहा था। इस बीच फाइनेंस कंपनी की तरफ से लगातार दबाव बनाया जा रहा था, जिससे वह मानसिक तनाव में आ गया।
पुलिस और फाइनेंस कर्मियों का दबाव
परिजनों ने बताया कि कुछ दिन पहले फाइनेंस कंपनी का एक कर्मचारी डायल 112 पुलिस को लेकर विवेक के घर पहुंचा था। वहां उसे धमकी दी गई कि अगर उसने जल्द ही किस्त नहीं चुकाई तो उसे जेल भेज दिया जाएगा। इसके बाद से ही विवेक गहरे तनाव में था और खुद को अलग-थलग रखने लगा था।
आत्महत्या से एक रात पहले की बातचीत
बुधवार की रात विवेक ने अपनी मां से कहा कि वह देर से लौटेगा और मां से पहले खाना खा लेने को कहा। इसके बाद वह घर से निकल गया और रातभर वापस नहीं लौटा। गुरुवार सुबह गांव के ही कुछ लोगों ने उसका शव घर से करीब आधा किलोमीटर दूर एक बगीचे में पेड़ से लटका हुआ देखा।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना मिलते ही लालगंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए हाजीपुर सदर अस्पताल भेज दिया गया। लालगंज थाना अध्यक्ष और प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी शैलजा ने कहा कि प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। साथ ही यह भी बताया गया कि फाइनेंस कंपनी की भूमिका की जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
विवेक अपने दो भाइयों में सबसे छोटा था और अविवाहित था। वह अकेला ऐसा सदस्य था जो परिवार की आर्थिक जिम्मेदारियां संभाल रहा था। उसकी मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मां, पिता और भाई का रो-रोकर बुरा हाल है।
ग्रामीणों में आक्रोश
इस घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है और लोगों में भारी आक्रोश भी देखा गया। ग्रामीणों का कहना है कि फाइनेंस कंपनियां गरीब लोगों पर बिना संवेदना के अत्यधिक दबाव बनाती हैं, जिससे आम लोग मानसिक रूप से टूट जाते हैं।
आगे की उम्मीद
अब सबकी निगाहें पुलिस जांच पर टिकी हैं। यदि फाइनेंस कंपनी की प्रताड़ना के सबूत मिलते हैं, तो यह मामला राज्य में निजी फाइनेंसिंग व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करेगा।

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