जातीय जनगणना की मांग तेजस्वी का राजनीतिक स्टंट : प्रभाकर मिश्र

- यूपीए के शासनकाल में उनके पिता ने क्यों नहीं करवायी जातीय जनगणना
- पिता और पुत्र की एक ही फितरत, ‘अपना काम बनता तो भाड़ में जाए जनता’
पटना। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्र ने तेजस्वी यादव पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि तेजस्वी का जातीय जनगणना की मांग सिर्फ राजनीतिक स्टंट है। जातीय जनगणना करवाकर ये आरक्षण का दायरा बढ़ाना नहीं चाहते, बल्कि अपनी सियासत सुरक्षित करना चाहते हैं। पिता और पुत्र की एक फितरत है, ‘अपना काम बनता, तो भाड़ में जाए जनता। भाजपा प्रवक्ता ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पूरे देश में जातीय जनगणना कराए जाने और राज्य में आरक्षण के बढ़ाये गये दायरे को नवमी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर 01 सितंबर को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का होने जा रहा धरना सिर्फ एक दिखावा है। तेजस्वी भ्रम और अफवाह फ़ैला कर जनता की सहानुभूति बटोरना चाहते हैं। उन्हें तो अपने माता और पिताजी से पूछना चाहिए कि 15 साल के उनके शासनकाल के दौरान उन्होंने जातिगत जनगणना क्यों नहीं करायी ? आरक्षण का दायरा क्यों नहीं बढ़ाया ? क्या तब उन्हें किसी ने ऐसा करने से रोका था ? दरअसल तेजस्वी जी अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन की तलाश में लगे हुए हैं। सत्ता को उन्होंने अपना जागीर समझ रखा है। ऐसे लोगों को बिहार की जनता धूल चटाने में देर नहीं करती। 2025 में तेजस्वी और उनके संगी-साथियों की इतनी बड़ी हार होगी, जिसकी कभी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। बिहार की प्रबुद्ध जनता उनकी चालबाजी को पूरी तरह समझ चुकी है। जनता झांसे में आनेवाली नहीं है। काठ की हांडी दोबारा नहीं चढ़ती। तेजस्वी जी कुछ भी कर लें, जनता उनको करारा जवाब देगी।
