PATNA : बुधवार को ‘अग्निपथ’ को लेकर तेजस्वी देंगे धरना, विपक्ष करेगा विधानसभा का बहिष्कार

पटना। ‘अग्निपथ’ पर लगातार हो रहे हंगामे के बीच बिहार विधानसभा की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। दोपहर 2 बजे शुरू हुई कार्यवाही के बाद एक बार स्थिति ऐसी बन गई कि सदन में सत्ता पक्ष के अधिकांश सदस्य ही नहीं थे। इस दौरान उत्कृष्ट विधायक सम्मान को लेकर चर्चा होनी थी। विपक्ष ने अपनी मांगों को लेकर पहले ही सदन का बहिष्कार कर दिया था। बाद में जदयू के अधिकतर विधायक भी निकल गए। इसे लेकर स्पीकर विजय सिन्हा नाराज हो गए और उन्होंने सदन को स्थगित कर दिया।
इसके पहले विपक्ष ने सदन के अंदर और बाहर जमकर नारेबाजी की। बढ़ते हंगामे को देखते हुए सदन के अंदर और बाहर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी। इसी हंगामे में बैकुंठपुर के राजद विधायक प्रेमशंकर कुमार की अंगूठी के हीरे का नगीना खो गया। वहीं हंगामे को देखते हुए सदन को चलाने को लेकर 12 बजे के करीब कार्य मंत्रणा समिति की मीटिंग भी हुई। विधानसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में कार्य मंत्रणा की बैठक में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम रेणु देवी, संसदीय कार्य मंत्री विजय सिन्हा, कांग्रेस से अजीत शर्मा, जीतन राम मांझी, एआईएमआईएम से अखरूल इमाम, वाम दल के सत्यदेव राम और महबूब आलम मौजूद थे। हालांकि कार्य मंत्रणा समिति की मीटिंग विफल रही और दोनों पक्ष एकमत नहीं हो सके।
तेजस्वी का आरोप- बोलने ही नहीं दिया जाता: विधानमंडल सत्र के बीच अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ऐलान किया है कि विधानसभा सत्र का विपक्ष बाहिष्कार करेगा। इसके साथ ही बुधवार को विपक्षी दलों के सदस्य विधानमंडल में कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा के सामने बैठकर धरना देंगे। तेजस्वी ने कहा कि सदन में विपक्षी नेताओं को बोलने नहीं दिया गया है। कहा कि अगर सदन में बोलने नहीं दिया जाएगा तो विधानसभा जाने का क्या मतलब।
पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘सदन की आत्मा है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संवाद! अगर बोलने ही नहीं दिया जाएगा तो हाउस जाने का क्या मतलब? जब आपको सबकुछ पहले ही तय कर लेना है तो हम लोगों का क्या काम?’ तेजस्वी ने कहा कि मंगलवार को सदन के लंच के बाद दूसरे सत्र का हम बहिष्कार कर रहे हैं। सत्ताधारी दल सदन में तानाशाह वाला रवैया अपना रहा है। तेजस्वी ने कहा कि हम सदन को चलने देना चाहते हैं लेकिन सत्ताधारी जदयू और भाजपा नहीं चाहते कि सत्र चले।

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