December 8, 2025

तेजप्रताप पर कार्यकर्ता ने लगाया मारपीट का आरोप, कहा- मेरा गलत वीडियो बनाया, बंगले पर आदमियों से पिटवाया

पटना। तेजप्रताप यादव पर उनके ही करीबी कार्यकर्ता द्वारा मारपीट और अपमानजनक व्यवहार का गंभीर आरोप लगाया गया है। सौरभ यादव, जिन्हें लंबे समय से तेजप्रताप के निकट सहयोगी और हनुमान कहकर संबोधित किया जाता था, ने दावा किया है कि उनके नेता ने न केवल उन्हें पिटवाया बल्कि बेहद अपमानजनक स्थिति में पहुंचा दिया। यह घटना राजनीतिक हलकों में बड़ा विवाद खड़ा कर रही है और कई सवालों को जन्म दे रही है।
घटना की शुरुआत
सौरभ यादव के अनुसार, वह रविवार को खान सर के भाई के रिसेप्शन में शामिल होने गए थे। इसी दौरान तेजप्रताप यादव ने उनका मोबाइल फोन छीन लिया। सौरभ ने बताया कि यह उनके लिए अप्रत्याशित था, लेकिन उन्हें लगा कि शायद किसी गलतफहमी के कारण ऐसा हुआ है। बाद में तेजप्रताप ने उन्हें अपने सरकारी आवास, यानी 26 नंबर बंगले पर बुलाया। सौरभ इसे सामान्य बातचीत समझकर वहां पहुंच गए, लेकिन वहां जो हुआ उसने उन्हें हिला दिया।
बंगले में मारपीट का आरोप
सौरभ का कहना है कि बंगले के भीतर पहुंचते ही तेजप्रताप यादव के लोगों ने उन्हें घेर लिया और बेरहमी से उनकी पिटाई की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए और उन्हें अपमानित करने के उद्देश्य से न्यूड वीडियो भी बनाया गया। यह सब कुछ तेजप्रताप की मौजूदगी में हुआ और वहां मौजूद किसी भी व्यक्ति ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की। सौरभ का कहना है कि उनका मोबाइल रात 9 बजे से देर रात करीब 1:30 बजे तक तेजप्रताप के आवास में रखा गया, जिससे वे किसी से संपर्क भी नहीं कर सके।
संबंधों में दरार
सौरभ यादव ने बताया कि वह वर्ष 2015 से तेजप्रताप के साथ जुड़े हुए थे और लगातार उनके प्रचार-प्रसार में सक्रिय रहे। चुनावों के दौरान वे गांव-गांव जाकर तेजप्रताप के समर्थन में वोट मांगते थे। सोशल मीडिया पर भी दोनों की कई रीलें मौजूद हैं, जिनमें सौरभ अपने नेता की प्रशंसा करते दिखाई देते हैं। एक रील में वे तेजप्रताप का पैर छूते हुए उन्हें महादेव तक कह देते हैं। सौरभ का कहना है कि इतने समर्पण के बाद भी उनके साथ ऐसा व्यवहार होना बेहद दुखद और चौंकाने वाला है।
तेजप्रताप की राजनीतिक स्थिति
पार्टी और परिवार से दूरी बढ़ने के बाद तेजप्रताप यादव ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाई। वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने वैशाली की महुआ सीट से चुनाव लड़ा। इसी सीट से वे वर्ष 2015 में राजद प्रत्याशी के रूप में पहली बार चुनाव जीतकर बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने थे। हालांकि इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा, जबकि उन्होंने हेलिकॉप्टर से लेकर डिजिटल प्रचार तक हर साधन का उपयोग किया था।
चुनाव हारने के बाद नई शुरुआत
विधायकी चले जाने के बाद तेजप्रताप यादव फिर से ब्लॉगिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने पहले एलआर ब्लॉग नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाया था, लेकिन तकनीकी कारणों से चैनल रिकवर न होने के चलते अब उन्होंने नया चैनल टीवाई ब्लॉग शुरू किया है। इस नए चैनल पर उन्होंने पहला वीडियो डेयरी मिल्क प्रोडक्शन फैक्ट्री से जुड़ा हुआ पोस्ट किया है। तेजप्रताप अब डिजिटल दुनिया में एक नई पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
घटना से उठते सवाल
सौरभ के द्वारा लगाए गए आरोपों ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। यह मामला सिर्फ एक कार्यकर्ता की पिटाई का नहीं बल्कि उस संबंध की टूटन का प्रतीक है, जो वर्षों की निष्ठा और भरोसे पर आधारित था। यदि आरोप सही साबित होते हैं तो यह तेजप्रताप की राजनीतिक और सामाजिक छवि के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। दूसरी ओर, तेजप्रताप की ओर से इस पूरे मामले पर अभी कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, जिससे सस्पेंस और बढ़ रहा है। यह विवाद सिर्फ व्यक्तिगत संबंधों की दरार नहीं, बल्कि राजनीतिक दलों में आंतरिक मतभेदों और शक्ति संघर्ष के उन पहलुओं को भी उजागर करता है जिन्हें आमतौर पर बाहर नहीं आने दिया जाता। आने वाले दिनों में इस मामले की दिशा तय करेगी कि आरोपों की सच्चाई क्या है और इसका राजनीतिक असर कितना दूर तक जाएगा।

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