ओमिक्रॉन को ले करें एहतियाती उपाय : इमारत शरिया

- मौलाना सज्जाद मेमोरियल अस्पताल के अधिकारियों और डॉक्टरों की बैठक में की गई अपील
पटना। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने फिर दस्तक दे दी है और अपने पैर पसारने लगा है। देश के अन्य हिस्सों की तरह बिहार में भी इसके मरीजों की संख्या दिन-व-दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में जरूरी है कि लोग सावधानी बरतना शुरू करें और सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन करें। खतरे को देखते हुए नये साल का पहला दिन इमारत शरिया कार्यालय में कार्यवाहक नाजिम मौलाना मुहम्मद शिबली अल-कासमी की अध्यक्षता में मौलाना सज्जाद मेमोरियल अस्पताल फुलवारी शरीफ के अधिकारियों और डॉक्टरों की आपात बैठक हुई।
बैठक में डॉक्टरों ने सर्वसम्मति से सुझाव दिया कि एक बार फिर एहतियाती उपाय, मास्क और सामाजिक दूरी का सख्ती से पालन कराया जाए। छोटे बच्चों को वायरस से बचाना विशेष रूप से जरूरी है। इसलिए बच्चों को बेवजह बाहर न जाने दें, उनकी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और बीमारी के कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है, वे जल्द से जल्द टीका लगवाएं। मौलाना सज्जाद मेमोरियल अस्पताल में टीकाकरण केंद्र भी है। फुलवारी और उसके आसपास के लोग यहां आकर टीका लगवा सकते हैं।
कार्यवाहक नाजिम मौलाना मुहम्मद शिबली अल-कासमी ने अपील करते हुए कहा कि कोरोना के पिछले हमले में मानवता की सेवा करने वालों ने जरूरतमंदों का ख्याल रखा और आॅक्सीजन आदि मुहैया कराई। इसी तरह इस बार भी आपात स्थिति में आॅक्सीजन आदि की व्यवस्था करें। अस्पतालों को भी पर्याप्त मात्रा में आॅक्सीजन की व्यवस्था रखनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि स्वच्छता और सावधानियों का उपयोग करके व्यक्ति इस वायरस से बच सकता है।
वहीं अस्पताल के सचिव मौलाना सोहैल अहमद नदवी ने कहा कि मौलाना सज्जाद मेमोरियल अस्पताल में आॅक्सीजन कन्संट्रेटर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराया गया है। आॅक्सीजन की आवश्यक्ता वाले मरीज मौलाना सज्जाद मेमोरियल अस्पताल में संपर्क कर के आॅक्सीजन कंसंट्रेटर प्राप्त कर सकते हैं।
बैठक में अस्पताल के सचिव मौलाना सोहैल अहमद नदवी, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. सैयद निसार अहमद, डॉ. सैयद गुलाम मोहिउददीन अशरफी, डॉ. सैयद यासिर हबीब, डॉ. मनाजिर हसनैन, डॉ. तकी इमाम के अलावा अन्य डॉक्टर और अस्पताल के एडमिनिस्ट्रेटर फैयाज इकबाल साहिब, कार्यालय सचिव मौलाना अर्शद रहमानी, मौलाना नसीरुद्दीन मजाहरी और अस्पताल के अन्य कर्मचारी शामिल हुए।
