बक्सर में स्वतंत्रता दिवस पर स्कूल में लड्डू नहीं मिलने पर छात्र ने शिक्षक को पीटा, स्कूल के बाहर की पिटाई
बक्सर। बिहार के बक्सर जिले से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। घटना चौगाई के मुरार थाना क्षेत्र की है, जहां 15 अगस्त के दिन स्कूल में लड्डू न मिलने के कारण एक छात्र ने शिक्षक पर हमला कर दिया। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को, बल्कि शिक्षा जगत को भी सकते में डाल दिया है। घटना के दिन, पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जा रहा था। इसी क्रम में बक्सर के इस स्कूल में भी ध्वजारोहण के बाद छात्रों और छात्राओं को लड्डू बांटे जा रहे थे। लेकिन इसी दौरान एक छात्र को लड्डू नहीं मिला, जिससे वह क्रोधित हो गया। उसकी नाराजगी इस कदर बढ़ गई कि उसने पहले स्कूल परिसर में शिक्षकों से बदतमीजी की और फिर मामला और भी बिगड़ गया जब वह शिक्षक पंकज कुमार और हनन कुमार पर बाहर रास्ते में हमला करने पर उतर आया। इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, छात्र ने स्कूल के बाहर रास्ते में शिक्षकों को घेर लिया और उन पर हमला किया। इससे शिक्षकों में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है। हालांकि, शिक्षकों का कहना है कि आरोपी छात्र स्कूल का विद्यार्थी नहीं था, बल्कि वह कोई बाहरी व्यक्ति था, जिसकी मंशा स्कूल में अशांति फैलाने की थी। यह दावा शिक्षकों ने इसलिए किया क्योंकि उनका कहना है कि उन्होंने उसे पहले कभी स्कूल में नहीं देखा था। मुरार थानाध्यक्ष कमलनयन पांडेय ने इस घटना की पुष्टि की और बताया कि घटना की जानकारी मिली है, लेकिन अभी तक स्कूल प्रशासन या किसी शिक्षक द्वारा कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि शिकायत मिलने पर कानूनी प्रक्रिया के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी। यह घटना समाज में बढ़ती हिंसा और असहिष्णुता का एक उदाहरण है, जो शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी जड़ें जमाती जा रही है। शिक्षकों पर हमला करना न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह समाज की नैतिकता और शिक्षा के मूल्यों पर भी सवाल खड़ा करता है। इस तरह की घटनाएं भविष्य में शिक्षकों के मन में भय का माहौल पैदा कर सकती हैं, जिससे शिक्षा का स्तर और अधिक प्रभावित हो सकता है। इस घटना के बाद से स्थानीय लोग भी इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं और यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिरकार ऐसा क्या हुआ कि एक छात्र ने शिक्षक पर हाथ उठाने की हिम्मत की। वहीं, स्कूल प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्यों इस घटना की सही तरीके से जांच नहीं की गई और समय पर उचित कार्रवाई क्यों नहीं हुई। इस प्रकार, बक्सर की यह घटना न केवल एक गंभीर सामाजिक समस्या की ओर इशारा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि शिक्षा के क्षेत्र में अनुशासनहीनता और हिंसा को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और समाज इस तरह की घटनाओं से क्या सबक लेता है।


