November 17, 2025

नेपाल में महसूस किए गए भूकंप की तेज झटके, बिहार में भी हिली धरती

पटना। फरवरी के अंतिम दिन की सुबह नेपाल में तेज भूकंप आया, जिसके झटके भारत के बिहार सहित कई अन्य राज्यों में भी महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.5 मापी गई, हालांकि कुछ एजेंसियों ने इसकी तीव्रता अलग-अलग बताई है। इस घटना के बाद नेपाल और आसपास के इलाकों में सतर्कता बरतने की अपील की गई है। राहत की बात यह है कि अब तक किसी प्रकार की जनहानि या बड़ी क्षति की खबर नहीं आई है। नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी के अनुसार, यह भूकंप स्थानीय समयानुसार तड़के करीब 2 बजकर 36 मिनट पर आया। वहीं, जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज ने इसकी तीव्रता 5.6 बताई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूकंप के दौरान 6.1 तीव्रता का एक अन्य झटका भी दर्ज किया गया, जिसका केंद्र नेपाल के सिंधुपालचौक जिले के भैरवकुंड क्षेत्र में था। इस क्षेत्र में भूकंप के झटके पूर्वी और मध्य नेपाल के कई हिस्सों में महसूस किए गए, जिससे लोगों में घबराहट फैल गई।
बिहार और भारत के अन्य इलाकों पर असर
नेपाल में आए इस भूकंप का असर बिहार के कई जिलों में देखने को मिला। पटना में रात करीब 2 बजकर 36 मिनट पर लोगों ने जमीन में कंपन महसूस की। इसके अलावा, किशनगंज और कटिहार जैसे इलाकों में भी झटके महसूस किए गए। कई लोगों को चक्कर आने की शिकायत हुई और वे घरों से बाहर निकल आए। झटके महसूस करने के बाद लोग सतर्क रहे और कुछ देर तक घर से बाहर ही रुके। बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी समेत अन्य इलाकों में भी कंपन दर्ज की गई।
नेपाल की संवेदनशील स्थिति और सतर्कता
नेपाल भूकंप की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। 2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी, जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी। इसी कारण जब भी नेपाल में भूकंप आता है, तो लोग सतर्क हो जाते हैं। इस बार भी प्रशासन ने नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए तैयार रहने को कहा है।
पड़ोसी देशों में भी भूकंप के झटके
नेपाल और भारत के अलावा, तिब्बत और चीन में भी इस भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। इसके अलावा, सुबह करीब 5 बजकर 14 मिनट पर पाकिस्तान में भी 4.5 तीव्रता का भूकंप आया, जो इस क्षेत्र में भूकंप की बढ़ती घटनाओं की ओर संकेत करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप का यह हिस्सा भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है, और भविष्य में भी यहां भूगर्भीय हलचलें जारी रह सकती हैं। नेपाल में आए इस भूकंप ने एक बार फिर यह साबित किया कि हिमालयी क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील बना हुआ है। हालांकि, इस बार कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इससे लोगों में भय का माहौल जरूर पैदा हो गया। वैज्ञानिकों और प्रशासन की ओर से लगातार स्थिति की निगरानी की जा रही है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

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