कांग्रेस का जोरदार हमला, कहा- नाकामी छुपाने के लिए लोगों का जीवन खतरे में डाल रहे हैं सीएम नीतीश

पटना। बिहार कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बिहार की नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है। श्री तिवारी ने कहा है कि पिछले 15 सालों में नीतीश कुमार ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को अपनी बुलडोजर जैसी नाकामी से ध्वस्त कर दिया है। राज्य में इस वक्त तकरीबन 4 हजार सरकारी डॉक्टर हैं। इन 4 हजार सरकारी डॉक्टरों में आंख, नाक, कान, गला, हड्डी, एनेस्थीसिया समेत अन्य किस्म के डॉक्टरों को अलग कर दें तो जनरल फिजिशियन की संख्या मात्र 3 से 4 सौ के बीच होगी। इनमें से भी कितने डॉक्टर संक्रमण से इलाज के मामले में प्रशिक्षित हैं, यह कहना मुश्किल है।
6-7 सौ लोगों को भी स्वास्थ सेवा देने में असक्षम
उन्होंने कहा कि लगातार यह शिकायत आ रही है कि अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को देखने कोई डॉक्टर नहीं आते। इसके पीछे डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन ही सिर्फ जिम्मेदार नहीं हैं। इसके पीछे नीतीश सरकार का निकम्मापन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि अभी राज्य के सभी अस्पतालों में एक हजार के करीब कोरोना पॉजिटिव इलाजरत हैं। इनमें 3 सौ ज्यादा कोरोना पॉजिटिव निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। ये आंकड़े इस बात की गवाही हैं कि बिहार की भाजपा-जदयू सरकार 6-7 सौ लोगों को भी स्वास्थ सेवा देने में सक्षम नहीं है।
स्पष्ट करें, अस्पतालों में कितने संक्रमण विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद
श्री तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार बिहार की जनता के सामने स्पष्ट करे कि कोरोना के भयंकर संक्रमण काल में सरकारी अस्पतालों में कितने संक्रमण विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद हैं। इस श्वेत पत्र से ही साफ हो जाएगा कि भाजपा-जदयू की सरकार ने किस तरह से बिहार के लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया है। इससे यह भी साफ हो जाएगा कि किस तरह से दांत, कान और नाक के डॉक्टरों की संख्या दिखाकर इस भयंकर कोरोना काल में जनता को धोखा दिया जा रहा है।
बिहार में फिलहाल 1.30 लाख डॉक्टरों की जरूरत
उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के मुताबिक बिहार में फिलहाल 1 लाख 30 हजार से ज्यादा डॉक्टरों की जरूरत है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर यह निहायत ही जरूरी संख्या है।

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