पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर राजकीय समारोह आयोजित, मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने श्रद्धांजलि देकर किया नमन

पटना। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति के युगपुरुष अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर पटना में एक गरिमामय राजकीय समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पाटलिपुत्र स्थित अटल बिहारी वाजपेयी पार्क में हुआ, जहाँ उनकी विशाल प्रतिमा स्थापित है। वाजपेयी जी की स्मृति को नमन करने के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित कई मंत्री और गणमान्यजन एकत्रित हुए और श्रद्धासुमन अर्पित किए। समारोह की शुरुआत बिहार गीत से हुई, जिसे सभी ने खड़े होकर सुना। इसके बाद उपस्थित नेताओं ने वाजपेयी जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें भारतीय लोकतंत्र का अद्वितीय नायक बताया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि वाजपेयी जी का राजनीतिक जीवन देश की एकता, सद्भाव और विकास को समर्पित रहा। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और अन्य मंत्रियों ने भी उनके योगदान को याद किया और उन्हें प्रेरणा का स्रोत बताया। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति में एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने अपने आचरण और वक्तृत्व से विरोधियों तक का सम्मान प्राप्त किया। वे भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे और तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उनके नेतृत्व में देश ने कई ऐतिहासिक निर्णय देखे। पोखरण परमाणु परीक्षण, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना और कूटनीतिक स्तर पर भारत की मजबूत पहचान उनके ही कार्यकाल की उपलब्धियाँ रहीं। वाजपेयी जी की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि वे राजनीति में शालीनता और संवाद की परंपरा को जीवित रखते थे। वे कवि भी थे और उनके भाषणों में साहित्यिक संवेदना झलकती थी। चाहे संसद में बहस हो या सार्वजनिक मंच, उनकी वाणी में ओज और मधुरता का अद्भुत संगम मिलता था। पटना का अटल बिहारी वाजपेयी पार्क उनकी स्मृति को संजोए रखने का एक प्रतीक है। वर्ष 2024 में इस पार्क में उनकी विशाल प्रतिमा स्थापित की गई थी, जिसका अनावरण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। तब से यह स्थान श्रद्धालुओं और नागरिकों के लिए प्रेरणा का केंद्र बना हुआ है। हर वर्ष उनकी पुण्यतिथि और जयंती पर यहाँ श्रद्धांजलि समारोह आयोजित होते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन केवल एक राजनीतिक नेता का जीवन नहीं था, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण और जनसेवा की प्रेरक गाथा थी। उनकी पुण्यतिथि पर पटना में हुआ यह राजकीय समारोह उनकी अमर स्मृति को पुनः जीवित करता है और यह संदेश देता है कि उनका विचार, उनकी संवेदनशील राजनीति और उनका राष्ट्रप्रेम आने वाली पीढ़ियों को निरंतर दिशा देता रहेगा। वाजपेयी जी का व्यक्तित्व भारतीय लोकतंत्र की आत्मा में सदैव जीवित रहेगा।
