भारत और अमेरिका के बीच विशाल सैन्य अभ्यास की शुरुवात, शांति प्रवर्तन से संबंधित सभी ऑपरेशन शामिल

नई दिल्ली। भारत और अमेरिका की सेनाओं ने मंगलवार को उत्तराखंड के एक सैन्य केंद्र में 2 सप्ताह से अधिक समय तक चलने वाला विशाल सैन्य अभ्यास शुरू किया। वही पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच 30 महीने के सीमा गतिरोध के बीच युद्ध अभ्यास शुरू हुआ। बता दे की यह अभ्यास प्रतिवर्ष भारत और अमेरिका के बीच आयोजित किया जाता है। वही इस अभ्यास का पिछला संस्करण पिछले साल अक्टूबर में संयुक्त बेस एल्मेंडॉर्फ रिचर्डसन, अमेरिका में आयोजित किया गया था। वही सेना अधिकारियों ने कहा कि अभ्यास का 18वां संस्करण मंगलवार को शुरू हुआ और दिसंबर के पहले सप्ताह में समाप्त होगा। वही इस अभ्यास में 11वीं एयरबोर्न डिवीजन की दूसरी ब्रिगेड के अमेरिकी सेना के जवान और असम रेजीमेंट के भारतीय सेना के जवान हिस्सा लेंगे।
अभ्यास में शांति प्रवर्तन से संबंधित सभी ऑपरेशन शामिल
वही भारतीय सेना ने कहा कि क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास के दायरे में एकीकृत युद्ध समूहों का सत्यापन, बल गुणक, निगरानी ग्रिड की स्थापना और कामकाज, परिचालन रसद और पर्वतीय युद्ध कौशल का सत्यापन शामिल है। इस अभ्यास में लड़ाकू इंजीनियरिंग, मानव रहित विमान प्रणालियों के रोजगार सहित युद्ध कौशल के व्यापक स्पेक्ट्रम पर आदान-प्रदान और अभ्यास शामिल होंगे। वही भारतीय सेना ने कहा कि इस अभ्यास से दोनों सेनाओं को अपने व्यापक अनुभव, कौशल साझा करने और सूचनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से अपनी तकनीकों को बढ़ाने में सुविधा होगी। वही बता दे की पिछले कुछ वर्षों में भारत-अमेरिका रक्षा संबंध मजबूत हुए हैं। जून 2016 में अमेरिका ने भारत को महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों और प्रौद्योगिकी को साझा करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए एक प्रमुख रक्षा भागीदार नामित किया था। दोनों देशों ने पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण रक्षा और सुरक्षा समझौते भी किए हैं। जिसमें 2016 में लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट भी शामिल है। जो उनकी सेनाओं को आपूर्ति की मरम्मत और पुनःपूर्ति के लिए एक-दूसरे के ठिकानों का उपयोग करने की अनुमति देता है।

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