इंडो-नेपाल बॉर्डर पर तिलयुगा नदी के किनारे नेपाल लगा रहा था बिजली का पोल, एसएसबी के जवानों ने रोका

अररिया। इंडो-नेपाल सीमा पिलर संख्या 223 से लेकर 222 तक नेपाल के बिजली विभाग शांति वन के बगल में तिलयुगा नदी के किनारे नया बिजली का पोल लगाने का काम कर रहा था। इसकी सूचना एसएसबी को मिली। एसएसबी जवानों ने मौके पर पहुंच कर तत्काल काम करने से रोक दिया।

जानकारी के अनुसार नेपाल के बिजली विभाग ने नो मेंस लैंड पर पहले ही बिजली का तीन पोल लगाया है और तीन पोल का नक्शा बनाकर मिट्टी खनन कर रहा था।

रविवार को कस्टम के एक अधिकारी ने देखा कि एक भी मिसिंग पिलर नहीं है इसके बावजूद अंतरराष्ट्रीय सीमा के दस गज भूमि पर नेपाल बिजली विभाग लाइन बिछाने के लिए नया पोल गलत तरीके से लगा रहा है। उन्होंने इसकी जानकारी एसएसबी के मेजर राजेश कुमार को दी। इसके बाद एसएसबी के मेजर इसकी जानकारी कुनौली कैम्प के इंचार्ज इंस्पेक्टर रंजीत नायक को देते हुए घटना स्थल पर पहुंच कर काम रोकने का निर्देश दिया। इंस्पेक्टर राजेश नायक मौके पर पहुंच कर तत्काल काम को रोक दिया। नेपाल बिजली विभाग के ठेकेदार ने कहा कि नो मेंस लैंड पर मापी कराने के बाद ही काम करेंगे।

तिलाठी चौकी एपीएफ के इंस्पेक्टर सुशील केसी ने बताया कि नो मेंस लैंड की मापी कराई जाएगी। जब तक दोनों देशों का नक्शा क्लीयर नहीं हो जाता है तब तक के लिए काम करने से मना कर दिया गया है।

एसएसबी के इंस्पेक्टर रंजीत नायक ने बताया कि नेपाल एपीएफ के साथ मौके पर पहुंच कर बिजली विभाग के ठेकेदार को अगले आदेश तक काम करने से मना किया गया है।

कुनौली पंचायत के पूर्व मुखिया लक्ष्मी प्रसाद साह, पंसस वाशीद अहमद, उप प्रमुख हरेराम मेहता, मनोज सिंह आदि ने बताया कि इंडो नेपाल के पिलर संख्या 222 से लेकर 223 तक  दर्जनों मिसिंग पिलर था जो अब गायब हो गए हैं। नेपाली भाग में पहले से ही बिजली का पोल गड़ा हुआ है और बिजली जल भी रही है। राजबिराज से कुनौली सड़क का जीर्णोद्धार का काम होने के बाद बिजली के पोल तक सड़क बना दिया गया जबकि कुछ मिट्टी खारू नदी में भी गिरी है।

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