बिष्णुपुरा में 95 वर्षीय समाजसेवी के निधन से फैली शोक की लहर, अंतिम दर्शन को उमड़ी लोगों की भीड़

बिहटा। विष्णुपुरा गांव में 95 वर्षीय समाजसेवी सुरेश सिंह के निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है। उनके आकस्मिक निधन की खबर सुनते ही गांव के लोग उनके घर पर उमड़ पड़े और पूरे गांव में एक गहरी उदासी छा गई। सुरेश सिंह ने अपनी ज़िन्दगी में समाज की भलाई के लिए कई अहम कार्य किए थे, जिसके कारण वे समाज में एक आदरणीय व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे। सुरेश सिंह ने 1992 में भारतीय डाक सेवा से अपनी लंबी सेवा पूरी की और उसके बाद से वे अपने गाँव और आसपास के क्षेत्रों में समाज सेवा के कार्यों में सक्रिय हो गए। डाक विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद, उन्होंने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। उनकी सेवाओं और सामाजिक कार्यों के कारण वे पूरे पंचायत में अत्यधिक सम्मानित थे। उनके निधन की खबर सुनते ही उनके घर पर बड़ी संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। गांव के अलावा आसपास के क्षेत्रों से भी लोग उनके प्रति सम्मान प्रकट करने आए। उनकी सादगी, समाज के प्रति समर्पण और दूसरों के लिए मददगार रवैये के कारण लोग उन्हें एक प्रेरणास्रोत मानते थे। सुरेश सिंह के अंतिम संस्कार का आयोजन मनेर हल्दी छपरा संगम घाट पर किया गया। इस मौके पर उनके परिवार के सदस्य, जिनमें उनके पुत्र अरविंद सिंह, अनिल सिंह और पौत्र अनुराग सिंह, मयंक सिंह, आदर्श कुमार, आशीष कुमार सहित समाज के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। सुरेश सिंह का जीवन समाज सेवा और निस्वार्थता का प्रतीक था, और उनके जाने से गाँव के लोगों में एक गहरा खालीपन महसूस किया जा रहा है। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा और वे समाज में अपनी सेवा और समर्पण के लिए सदैव अमर रहेंगे।

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