November 14, 2025

SJMC ने बिहार को डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाने को उठाया महत्वपूर्ण कदम : मंत्री

  • एसजेएमसी में डिजिटल शिक्षा एवं कंटेंट डेवलपमेंट पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन

पटना। स्कूल आफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन (एसजेएमसी), आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना में ‘डिजिटल एजुकेशन: मल्टीमीडिया कंटेंट डेवलपमेंट एंड डिलीवरी’ नामक नए और अभिनव डिजिटल मीडिया पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। कार्यशाला का आयोजन कंसोर्टियम फॉर एजुकेशनल कम्युनिकेशन (सीईसी), नई दिल्ली के सहयोग से किया जा रहा है। सीईसी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का एक स्वायत्त संस्थान है, जो संचार के विभिन्न आईसीटी मोड के माध्यम से शैक्षिक सामग्री के प्रसार के लिए जिम्मेदार है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि बिहार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की कि एसजेएमसी ने बिहार को डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि कोविड ने हमें समझा दिया है कि डिजिटल शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है और यह कैसे शिक्षा की पहुंच को बढ़ाती है।
वहीं सीईसी के निदेशक प्रो. जेबी नड्डा ने कहा कि शिक्षा और नवाचार से बिहार में विकास हो सकता है। उन्होंने कहा कि पटना चूंकि शैक्षणिक संस्थानों का केंद्र है, यहां डिजिटल कंटेंट निर्माण के लिए शिक्षण संस्थानों को सुदृढ़ किया जा सकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एसजेएमसी इस दिशा में आगे बढ़ने में सक्षम होगी, क्योंकि केंद्र के पास आवश्यक विशेषज्ञता है और साथ ही बिहार सरकार ने क्लास रूम और वीडियो उत्पादन के लिए नवीनतम उपकरणों की खरीद के लिए भी सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि अगर बिहार सरकार एसजेएमसी का समर्थन करना जारी रखती है तो सीईसी के लिए एसजेएमसी के साथ जुड़ना आसान हो जाएगा।
अपने स्वागत भाषण में, निदेशक एसजेएमसी, इफ्तेखार अहमद ने डिजिटल एजुकेशन की विशेषता बताते हुए कहा कि आज के समय में शिक्षा टेक्नोलॉजी आधारित हो गई है। भारत का ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 30 प्रतिशत है जबकि बिहार का महज 14.5 प्रतिशत ही है। इस पर उन्होंने चिंता जताई।
इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत एमए प्रथम सेमेस्टर की छात्राओं प्रियंका, अदिति और अनन्या द्वारा भक्ति गीत से किया गया, जिसके बाद दीप प्रज्ज्वलित की गई। तकनीकी सत्र में डॉ. सुनील मेहरू, संयुक्त निदेशक, सीईसी ने ‘एमओओसी: परिचय और उत्पादन’ पर बात की। डॉ. समीर एस. सहस्रबुद्धे, निदेशक, ईएमएमआरसी, एसपीपीयू, पुणे ने ‘एमओओसी: डिजाइन और डिलिवरी’ विषय पर चर्चा की।

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