December 10, 2025

शराबबंदी की सफलता का ‘ढोल पीटकर’ सीएम नीतीश के लिए वोट मांगेगी जदयू,बताया शराबबंदी को ‘वरदान’

पटना।आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्ताधारी जदयू के द्वारा प्रदेश में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा लगाए गए शराबबंदी की सफलता को चुनावी मुद्दा बनाया जा सकता है।जदयू के नेता इस बात को मानते हैं कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से सफल रही है।शराबबंदी के वजह से बिहार को सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में बहुत ज्यादा लाभ मिला है।सीएम नीतीश कुमार के शराबबंदी के कानून के कारण गरीब जनों-महिलाओं का उत्पीड़न कम हुआ है।जदयू के नेताओं के मुताबिक प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद आए आमूलचूल बदलाव को लेकर जदयू इस बार शराबबंदी की सफलता का ढोल पीट-पीट कर आम जनता से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए वोट मांगने जा रही है।उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2016 के अप्रैल से प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू कर रखी है।शुरुआत में शराबबंदी के कानून कुछ कठोर थे।जिसका तत्कालीन विपक्ष भाजपा के द्वारा जमकर विरोध किया गया था।बाद में जब जदयू द्वारा राजद-कांग्रेस के साथ गठबंधन छोड़कर भाजपा के साथ प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब हो गई।तब सरकार ने शराबबंदी के कानून में कुछ कड़ी सजा के प्रावधानों को कम कर दिया।मगर बावजूद इसके प्रदेश में शराबबंदी की सफलता को लेकर सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के द्वारा अलग-अलग दावे तथा आंकड़े पेश किए जाते रहे हैं।जदयू इस बार सीएम नीतीश के सफल शराबबंदी को गरीबों तथा महिलाओं के वोट बैंक को अपने पक्ष में साधने के लिए बतौर मजबूत मुद्दे के रूप में इस्तेमाल करेगी। उल्लेखनीय है कि बिहार में जारी शराबबंदी के बावजूद प्रदेश के कमोबेश सभी जिलों में शराब की तस्करी कम या ज्यादा होती आ रही हैं।बराबर शराब की खेपें बिहार के विभिन्न स्थानों पर बरामद होती रही है।मगर इसके बावजूद जदयू नेताओं का दावा है कि नीतीश सरकार के शराबबंदी के फैसले की वजह से गरीबों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में कमी आई है।शराबबंदी की सफलता को सीएम नीतीश कुमार के लिए जीत का सर्टिफिकेट मारने वाले जदयू के नेताओं का कहना है कि शराबबंदी ने बिहार में बेहतर आर्थिक-सामाजिक बदलाव लाए हैं।गरीबों तथा महिलाओं के लिए नीतीश सरकार की शराबबंदी किसी वरदान से कम नहीं।

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