पटना एयरपोर्ट पर कोहरे के कारण कई फ्लाइट्स रद्द, नए शेड्यूल में कम हुई विमानों की संख्या
पटना। राजधानी के पटना एयरपोर्ट पर सर्दियों के मौसम को देखते हुए बुधवार, 17 दिसंबर 2025 से विंटर शेड्यूल लागू कर दिया गया है। हर साल दिसंबर के तीसरे सप्ताह से जनवरी तक घने कोहरे और कम दृश्यता के कारण हवाई परिचालन प्रभावित होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार भी उड़ानों की संख्या में कटौती की गई है और कई फ्लाइट्स के समय में बदलाव किया गया है। नए शेड्यूल के लागू होते ही यात्रियों को सीमित उड़ानों और लगातार बदलते समय सारिणी की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
विंटर शेड्यूल लागू करने का कारण
एयरपोर्ट प्रशासन और विमानन कंपनियों का कहना है कि सर्दियों के मौसम में कोहरे की वजह से विजिबिलिटी काफी कम हो जाती है। इससे टेकऑफ और लैंडिंग दोनों में जोखिम बढ़ जाता है। यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए डीजीसीए की अनुमति के बाद विंटर शेड्यूल तैयार किया गया है। यह शेड्यूल 17 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान उड़ानों की संख्या सीमित रखी गई है, ताकि मौसम के कारण होने वाली दुर्घटनाओं और अव्यवस्था से बचा जा सके।
उड़ानों की कुल संख्या में कटौती
नए विंटर शेड्यूल के तहत पटना एयरपोर्ट से कुल 41 जोड़ी उड़ानों का संचालन किया जाएगा। पहले की तुलना में यह संख्या कम है। इसमें सबसे ज्यादा उड़ानें इंडिगो एयरलाइंस की हैं, जो 29 जोड़ी उड़ानों का संचालन करेगी। एयर इंडिया की 6 जोड़ी उड़ानें रखी गई हैं, जबकि स्पाइसजेट और एयर इंडिया एक्सप्रेस की 3-3 जोड़ी उड़ानें शामिल की गई हैं। पहले इंडिगो एयरलाइंस 28 से 30 उड़ानों का संचालन करती थी, लेकिन अब यह संख्या घटकर 23 जोड़ी रह गई है। इससे साफ है कि सर्दियों में यात्रियों के लिए उड़ानों के विकल्प सीमित रहेंगे और सीटों की उपलब्धता पर भी असर पड़ेगा।
कई शहरों के लिए सीधी उड़ानें बंद
नए शेड्यूल में गुवाहाटी, देवघर और जयपुर के लिए 31 जनवरी तक कोई सीधी उड़ान शामिल नहीं की गई है। इन रूट्स पर सफर करने वाले यात्रियों को अब कनेक्टिंग फ्लाइट्स का सहारा लेना होगा। इससे न केवल यात्रा का समय बढ़ेगा, बल्कि किराया भी महंगा पड़ सकता है। खासकर व्यवसायिक यात्रियों और पारिवारिक यात्राओं पर इसका सीधा असर पड़ने की संभावना है।
दिल्ली, मुंबई और अन्य प्रमुख रूट्स पर असर
दिल्ली-पटना-दिल्ली सेक्टर पर भी उड़ानों की संख्या घटा दी गई है। पहले जहां 17 उड़ानें संचालित होती थीं, अब यह संख्या घटकर 14 रह गई है। इनमें इंडिगो की 7, एयर इंडिया की 4, एयर इंडिया एक्सप्रेस की 2 और स्पाइसजेट की 1 उड़ान शामिल है। मुंबई के लिए उड़ानों की संख्या भी 6 से घटकर 5 कर दी गई है। बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों के लिए उड़ानें अब सीमित समय स्लॉट में ही संचालित होंगी। इसका उद्देश्य यह है कि सुबह और देर रात के समय, जब कोहरा ज्यादा रहता है, उस दौरान उड़ानों से बचा जा सके।
उड़ानों के समय में बदलाव
विंटर शेड्यूल के तहत उड़ानों के समय में भी बदलाव किया गया है। पटना से दिल्ली के लिए पहली फ्लाइट एयर इंडिया की होगी, जो सुबह 9:40 बजे दिल्ली से पटना पहुंचेगी और 10:25 बजे पटना से दिल्ली के लिए रवाना होगी। वहीं दिल्ली के लिए आखिरी फ्लाइट स्पाइसजेट की होगी, जो रात 10:25 बजे पटना से उड़ान भरेगी। अन्य शहरों के लिए भी उड़ानों का संचालन सीमित और तय समय के भीतर किया जाएगा।
मौसम का असर पहले से ही दिखने लगा
विंटर शेड्यूल लागू होने से पहले ही खराब मौसम ने उड़ानों को प्रभावित करना शुरू कर दिया था। मंगलवार को इंडिगो की दिल्ली और कोलकाता सेक्टर की दो जोड़ी उड़ानें कम विजिबिलिटी और घने कोहरे के कारण रद्द करनी पड़ीं। इसके अलावा एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस और इंडिगो की कई उड़ानें एक से डेढ़ घंटे की देरी से संचालित हुईं। सुबह दिल्ली में कम दृश्यता और शाम के समय पटना में कोहरे के कारण उड़ानों में देरी हुई। इससे यात्रियों को एयरपोर्ट पर लंबा इंतजार करना पड़ा और कई लोगों की आगे की कनेक्टिंग फ्लाइट्स भी प्रभावित हुईं।
यात्रियों के लिए प्रशासन की सलाह
एयरपोर्ट प्रशासन का कहना है कि सर्दियों के दौरान कोहरे के कारण उड़ानों में रद्द और विलंब की स्थिति बनी रह सकती है। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए मौसम को देखते हुए एहतियात बरतना जरूरी है। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति जरूर जांच लें और एयरलाइंस की ओर से जारी अपडेट पर नजर रखें। आने वाले दिनों में यात्रियों को सीमित उड़ानों, समय में बदलाव और रद्दीकरण जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में अग्रिम योजना बनाकर यात्रा करना ही सबसे बेहतर विकल्प होगा। विंटर शेड्यूल और मौसम की चुनौती के बीच पटना एयरपोर्ट पर हवाई सफर फिलहाल थोड़ा कठिन जरूर हो गया है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह कदम आवश्यक माना जा रहा है।


