December 17, 2025

बिहार में सात निश्चय-3 योजना की होगी शुरुआत, नौकरी और रोजगार पर फोकस, सीएम नीतीश ने की घोषणा

पटना। बिहार की राजनीति और विकास यात्रा में एक बार फिर बड़ा मोड़ आने वाला है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में सात निश्चय कार्यक्रम के तीसरे चरण, यानी सात निश्चय-3, को लागू करने की औपचारिक घोषणा कर दी है। यह घोषणा उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक विस्तृत संदेश के माध्यम से की। मुख्यमंत्री के अनुसार, पिछले लगभग दो दशकों में बिहार ने कानून-व्यवस्था, आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। अब सात निश्चय-3 के जरिए राज्य को देश के सर्वाधिक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य तय किया गया है।
सात निश्चय कार्यक्रम की पृष्ठभूमि
नीतीश कुमार ने अपने संदेश में याद दिलाया कि वर्ष 2005 में सरकार बनने के बाद से बिहार में सुशासन और कानून का राज स्थापित हुआ। इसके बाद वर्ष 2015 से 2020 तक सात निश्चय और 2020 से 2025 तक सात निश्चय-2 के तहत कई महत्वाकांक्षी योजनाएं लागू की गईं। इन योजनाओं का उद्देश्य न्याय के साथ विकास को जमीन पर उतारना था। मुख्यमंत्री के अनुसार, इन दोनों चरणों में निर्धारित लक्ष्यों को काफी हद तक हासिल कर लिया गया है। अब सात निश्चय-3 को इसी निरंतरता में आगे बढ़ाया जा रहा है, लेकिन इसका दायरा और लक्ष्य पहले से कहीं अधिक व्यापक रखा गया है।
पहला निश्चय: दोगुना रोजगार, दोगुनी आय
सात निश्चय-3 का पहला और सबसे अहम निश्चय दोगुना रोजगार-दोगुनी आय है। इसका मूल उद्देश्य बिहार की प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करना है। इसके लिए सरकार ने रोजगार और स्वरोजगार दोनों पर फोकस किया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है। इतना ही नहीं, जो महिलाएं अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहेंगी, उन्हें दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त मदद भी मिलेगी। इसके अलावा, जाति आधारित गणना और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण में चिह्नित 94 लाख गरीब परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार योजनाओं से जोड़ा जाएगा। बिहार के स्थानीय उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए हाट-बाजारों को विकसित किया जाएगा। सरकार ने अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं के लिए नौकरी और रोजगार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य तय किया है। इसी उद्देश्य से युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग का गठन किया गया है।
दूसरा निश्चय: समृद्ध उद्योग, सशक्त बिहार
सात निश्चय-3 का दूसरा निश्चय औद्योगिक विकास पर केंद्रित है। इसके तहत बिहार को पूर्वी भारत का नया टेक हब बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उद्योगों को गति देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन उच्चस्तरीय समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों का उद्देश्य राज्य में निवेश का अनुकूल माहौल बनाना, युवाओं और उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करना और बिहार को विश्वस्तरीय कार्यस्थल के रूप में विकसित करना है।
राज्य के सभी जिलों में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं। सरकार ने अगले पांच वर्षों में कम से कम 50 लाख करोड़ रुपये के निजी निवेश का लक्ष्य तय किया है। छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग निदेशालय का गठन किया गया है। साथ ही बिहार विपणन प्रोत्साहन निगम की स्थापना कर स्थानीय उत्पादों के निर्यात और बाजार विकास पर जोर दिया जाएगा। बंद पड़ी नौ चीनी मिलों को फिर से चालू करने और 25 नई चीनी मिलों की स्थापना का भी निर्णय लिया गया है।
तीसरा निश्चय: कृषि में प्रगति, प्रदेश की समृद्धि
कृषि को बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानते हुए सात निश्चय-3 में इसे खास प्राथमिकता दी गई है। वर्ष 2024 से 2029 के लिए बने चौथे कृषि रोड मैप के काम में तेजी लाई जाएगी। इसके साथ ही मखाना रोड मैप बनाकर मखाना के उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जाएगा। डेयरी और मत्स्य पालन को भी आय बढ़ाने का प्रमुख साधन माना गया है। हर गांव में दुग्ध उत्पादन समितियां बनाने और प्रत्येक पंचायत में सुधा बिक्री केंद्र स्थापित करने की योजना है। सिंचाई व्यवस्था को और मजबूत कर हर खेत तक पानी पहुंचाने पर भी जोर रहेगा।
चौथा निश्चय: उन्नत शिक्षा, उज्ज्वल भविष्य
शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव की तैयारी है। राज्य में अलग उच्च शिक्षा विभाग का गठन किया जा चुका है। अब पुराने और प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके अलावा बिहार में एक नई एजुकेशन सिटी के निर्माण की भी योजना है, जिससे उच्च शिक्षा और शोध के नए अवसर पैदा होंगे।
पांचवां निश्चय: सुलभ स्वास्थ्य, सुरक्षित जीवन
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को विशेष चिकित्सा केंद्र और जिला अस्पतालों को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। नए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में बेहतर इलाज और पढ़ाई के लिए लोक-निजी भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। दूरदराज के इलाकों में डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन की व्यवस्था की जाएगी।
छठा निश्चय: मजबूत आधार, आधुनिक विस्तार
इस निश्चय के तहत शहरी विस्तार, नागरिक सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण और नए नियोजित शहरों का विकास किया जाएगा। शहरी गरीबों के लिए सस्ते आवास, पांच नए एक्सप्रेस-वे, ग्रामीण सड़कों का दो लेन चौड़ीकरण और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने जैसी योजनाएं शामिल हैं। पर्यटन स्थलों के विकास, फिल्म सिटी और स्पोर्ट्स सिटी की स्थापना पर भी काम होगा।
सातवां निश्चय: सबका सम्मान, जीवन आसान
सात निश्चय-3 का अंतिम निश्चय ईज ऑफ लिविंग पर केंद्रित है। आधुनिक तकनीक, नवाचार और संवेदनशील प्रशासन के जरिए नागरिकों के जीवन को आसान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री को भरोसा है कि सात निश्चय-3 के प्रभावी क्रियान्वयन से बिहार विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा और देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।

You may have missed