नीतीश कैबिनेट की बैठक में राज्य के 81 सरकारी डॉक्टर किए गए बर्खास्त, कुल 41 प्रस्तावों पर लगी मुहर

पटना। पटना मुख्य सचिवालय में चल रही नीतीश कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक खत्म हो गई है। कैबिनेट की बैठक में आज कुल 41 एजेंटों पर मुहर लगी है। इसमें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पथ निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, उद्योग विभाग, के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग समेत कई अन्य विभागों से जुड़े प्रस्तावों पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई है। आज नीतीश कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण एजेंडे में कुल 81 डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है। यह सभी डॉक्टर अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में तैनात थे और लंबे अरसे से ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे। आखिरकार सरकार ने इन सब की सेवा समाप्त करते हुए बर्खास्तगी पर मुहर लगा दी है। नीतीश कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए सूबे के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में तैनात 81 चिकित्सकों को बर्खास्त कर दिया है। यह सभी लंबे समय से बिना सूचना के गायब थे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के इस निर्णय को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। खगड़िया सदर अस्पताल अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर आलोक कुमार, नवादा के गोविंदपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंदन शेखर, शेखपुरा सदर अस्पताल के डॉ मनोज कुमार गहलोत, जहानाबाद के घोसी रेफरल अस्पताल के डॉक्टर प्रवीण कुमार साहू और डॉक्टर शिवलोक नारायण अंबेडकर, मुजफ्फरपुर के केवटसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर सत्येंद्र कुमार सिन्हा, गोपालगंज सदर अस्पताल के डॉ शशि भूषण सिन्हा, सूर्यगढ़ा के चिकित्सक श्रवण ठाकुर, सुपौल सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर सुरैया तरन्नुम, मधुबनी सदर अस्पताल के डॉक्टर रंजना कुमारी, जहानाबाद सदर अस्पताल के डॉक्टर दिव्या किरण ,अरवल सदर अस्पताल के डॉ नम्रता सिन्हा, नवादा सदर अस्पताल के डॉक्टर राहुल कुमार मंगलम, दरौली के डॉक्टर नीतीश कुमार, गोपालगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रेहान लारी, त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टर दीपक कुमार, सहरसा सदर अस्पताल के डॉक्टर दीपक कुमार शामिल हैं। यह सभी चिकित्सक 5 साल या उससे अधिक अवधि से लगातार अनुपस्थित रह रहे थे। इस आरोप में इन सभी को सेवा से बर्खास्त किया गया।
राज्य के 3 जिलों में आरओबी के निर्माण के लिए कुल 229 करोड़ से ज्यादा की राशि को स्वीकृति
वहीं नीतीश कैबिनेट ने 3 जिलों में आरओबी के निर्माण के लिए कुल 229 करोड़ से ज्यादा की राशि को स्वीकृति दी है। अलग-अलग जिलों में 3 लेवल क्रॉसिंग के बदले पहुंच पद और आरओबी का निर्माण सरकार कराएगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से जुड़े अलग-अलग प्रस्तावों में कैबिनेट ने रेलवे के लिए औरंगाबाद मैं 2 भूखंडों को हैंड ओवर करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। इसके अलावा दरभंगा में नगर विकास एवं आवास विभाग के लिए भूमि हस्तांतरण के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई गई है। साथ ही साथ औरंगाबाद के रफीगंज अंचल में रेलवे के प्रोजेक्ट के लिए भी एक भूखंड को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगाई है। गया के बाराचट्टी में पावर ग्रिड की स्थापना के लिए बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को भूखंड स्थानांतरित किए जाने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है।
बीएन मंडल यूनिवर्सिटी मधेपुरा में 18 विषयों में स्नातकोत्तर विभागों की होगी स्थापना
शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिन प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है, उसमें राज्य के विश्वविद्यालयों और अन्य अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों के प्रमोशन के लिए कैरियर एडवांसमेंट स्कीम दो हजार अट्ठारह के प्रारूप पर भी स्वीकृति दे दी गई है। इसके अलावा बीएन मंडल यूनिवर्सिटी मधेपुरा में 18 विषयों में स्नातकोत्तर विभागों की स्थापना के साथ-साथ पटना यूनिवर्सिटी में बायो टेक्नोलॉजी विभाग की स्थापना और पटना लॉ कॉलेज के लिए सहायक प्राध्यापक- सह प्राध्यापक के 148 पदों को सृजित करने के साथ-साथ 41 शिक्षकेतर कर्मियों के पद सृजन को भी मंजूरी कैबिनेट ने दे दी है। सरकार ने एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव में राज्य के प्राथमिक मध्य और माध्यमिक के साथ-साथ उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए जनसहयोग से भूमि और भवन हासिल करने के साथ-साथ नामकरण की प्रक्रिया को स्वीकृति दी है। उद्योग विभाग के तहत अलग-अलग प्रस्तावों में कई प्रोजेक्ट को भी कैबिनेट ने क्लीयरेंस दिया है। इसमें मुजफ्फरपुर, वैशाली, बेगूसराय, किशनगंज में कई प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में कुल 18 विषयों में स्नातकोत्तर विभाग की स्थापना, पटना विश्वविद्यालय में बायोटेक्नोलॉजी विभाग की स्थापना तथा पटना विश्वविद्यालय के तहत विधि महाविद्यालय के लिए सहायक अध्यापक, प्राध्यापक के 148 पद तथा शिक्षकेतर कर्मियों के 41 पद, कुल 189 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है । राज्य के विश्वविद्यालय एवं अंगी भूत महाविद्यालय के शिक्षकों की प्रोन्नत्ति के लिए कैरियर एडवांसमेंट स्कीम 2018 की परीनियम प्रारूप पर स्वीकृति दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के मुख्यालय में 5 नए वाहन चालकों के पद सृजन की स्वीकृति दी गई है। जाति आधारित गणना 2022 के लिए गणना प्रपत्र के मुद्रण कार्य पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार के उपक्रम सरस्वती प्रेस लिमिटेड को प्राधिकृत किया गया है। उद्योग विभाग के 9 एजेंडों पर मुहर लगी है, जिसमें 8 उद्योगों को वित्तीय प्रोत्साहन क्लीयरेंस दिए जाने की स्वीकृति दी गई है। वही पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के निधन पर बिहार सरकार ने एक दिन का राजकीय शोक की घोषणा की है।

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