अहमदाबाद में सात स्कूलों को मिली बम से उड़ाने की धमकी, प्रशासन में हड़कंप, बम स्क्वॉड ने की जांच
अहमदाबाद। गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब शहर के सात प्रमुख स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली। यह धमकी ई-मेल के माध्यम से दी गई, जिसमें दोपहर 1 बजकर 30 मिनट का समय बताया गया था। एक साथ कई स्कूलों को धमकी मिलने से प्रशासन में हड़कंप मच गया और सुरक्षा एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं। अहमदाबाद के साथ-साथ गांधीनगर जिले के कलोल में भी एक स्कूल को इसी तरह की धमकी मिली, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया।
किन-किन स्कूलों को मिली धमकी
अहमदाबाद में जिन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है, उनमें जेबर स्कूल, जायडस स्कूल, महाराजा अग्रसेन स्कूल, सीबीएसई डिवाइन चाइल्ड स्कूल, निर्माण स्कूल, जेम्स एंड जेनेसिस स्कूल और डीएवी इंटरनेशनल स्कूल शामिल हैं। इसके अलावा कलोल स्थित आविष्कार स्कूल को भी धमकी भरा ई-मेल प्राप्त हुआ है। एक साथ इतने स्कूलों को निशाना बनाए जाने से यह मामला और भी गंभीर हो गया।
ई-मेल के जरिए दी गई धमकी
प्रशासन के अनुसार सभी स्कूलों को धमकी एक जैसे ई-मेल के जरिए भेजी गई थी। जैसे ही स्कूल प्रशासन को यह मेल प्राप्त हुआ, उन्होंने बिना देर किए पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी। इसके बाद अहमदाबाद पुलिस ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। पुलिस कंट्रोल रूम को अलर्ट मोड पर रखा गया और संबंधित क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किया गया।
बच्चों की सुरक्षा बनी प्राथमिकता
धमकी की सूचना मिलते ही प्रशासन ने सबसे पहले बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी। सभी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को तुरंत कक्षाओं से बाहर निकाला गया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। कई स्कूलों में बच्चों को उसी समय छुट्टी दे दी गई और अभिभावकों को सूचित कर उन्हें घर भेजा गया। स्कूल परिसरों में किसी भी तरह की अफरा-तफरी न हो, इसके लिए शिक्षकों और स्टाफ ने संयम के साथ स्थिति को संभाला।
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित कार्रवाई
अहमदाबाद पुलिस के साथ-साथ बम स्क्वॉड, डॉग स्क्वॉड और एसओजी की टीमें मौके पर पहुंच गईं। सभी स्कूल परिसरों की गहन जांच शुरू की गई। बम निरोधक दस्तों ने कक्षाओं, गलियारों, शौचालयों, पार्किंग एरिया और खुले मैदानों तक की बारीकी से तलाशी ली। किसी भी संदिग्ध वस्तु को नजरअंदाज नहीं किया गया।
फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की तैनाती
सुरक्षा के मद्देनजर फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की टीमों को भी स्कूलों के बाहर तैनात किया गया। विशेष रूप से वेजलपुर स्थित जायडस स्कूल के पास सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए। यहां फायर डिपार्टमेंट के चार वाहन और चार रेस्क्यू वैन मौके पर मौजूद रहीं। पुलिस, फायर ब्रिगेड और मेडिकल टीमों के बीच आपसी समन्वय बनाए रखा गया, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।
स्कूलों के आसपास सख्त सुरक्षा घेरा
धमकी को देखते हुए स्कूलों के 50 मीटर के दायरे में आम लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। सड़कों पर बैरिकेडिंग कर दी गई और पुलिसकर्मी हर आने-जाने वाले पर नजर बनाए हुए थे। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की तुरंत जांच की जा रही थी। इस दौरान अभिभावकों और स्थानीय लोगों से भी सहयोग की अपील की गई।
साइबर क्राइम टीम की जांच
ई-मेल के जरिए दी गई धमकी के कारण साइबर क्राइम टीम को भी जांच में लगाया गया है। साइबर विशेषज्ञ यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह मेल कहां से और किसने भेजा है। मेल की तकनीकी जानकारी, आईपी एड्रेस और सर्वर डिटेल्स खंगाली जा रही हैं। प्रशासन का कहना है कि दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अभिभावकों और आम लोगों में चिंता
इस घटना के बाद अभिभावकों में काफी चिंता देखने को मिली। कई माता-पिता अपने बच्चों को लेने के लिए स्कूलों के बाहर पहुंचे। हालांकि पुलिस ने उन्हें सुरक्षित दूरी पर ही रोके रखा। प्रशासन ने लगातार लोगों को आश्वस्त किया कि स्थिति नियंत्रण में है और बच्चों की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है।
प्रशासन का रुख और अपील
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल किसी भी स्कूल से कोई संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई है, लेकिन जांच पूरी होने तक सतर्कता बनाए रखी जाएगी। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही यह भी कहा गया है कि सुरक्षा एजेंसियां हर पहलू से मामले की जांच कर रही हैं। अहमदाबाद में स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी की यह घटना एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था और सतर्कता की अहमियत को सामने लाती है। भले ही यह धमकी अफवाह निकले या शरारतपूर्ण हरकत, लेकिन बच्चों और आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई सराहनीय है। अब सबकी निगाहें जांच के नतीजों पर टिकी हैं, ताकि सच सामने आ सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


