बिहार में शराबबंदी के 5 वर्षों में 3,39,401 लोगों की हुई गिरफ्तारी, बदली तस्वीर : JDU
पटना। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेक नियति से बिहार में शराबबंदी का फैसला किया था, जो सफल रहा। महिलाओं की मांग पर शराबबंदी के निर्णय ने बिहार की 5 वर्षो में तस्वीर बदल कर रख दी है। बिहार में शराबबंदी के उपरांत महिला प्रताड़ना की शिकायत न के बराबर हो रही है। राज्य में शादी-विवाह, सामाजिक एवं धार्मिक कार्य शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो रहे हैं।
उनहोंने बताया कि शराबबंदी के 5 वर्षों के दरम्यान बिहार सरकार ने बड़े पैमाने पर शराबबंदी के नियमों के उल्लंघन में एक्शन लेते हुए शराब पीने और बेचने वालों पर 3 करोड़ रूपया के लगभग जुर्माना लगाया। 2 लाख 55 हजार 111 मामले दर्ज किये गये। 3 लाख 39 हजार 401 लोगों की गिरफ्तारी हुई। 51.7 लाख लीटर देशी शराब जब्त की गई। 94.9 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त की गई। 470 अभियुक्तों को कोर्ट से सजा मिली। 619 पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्यवाई हुई। 60 पुलिस पदाधिकारी थाना अध्यक्ष पद से हटाये गये। 384 बिहार सरकार के कर्मचारियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई। 186 लोगों को सेवा से बर्खास्त किय गया। 284 निजी भवनों एवं भूखंडों को सील किया गया। 59 व्यवसायिक भवनों पर ताला लगाया गया।
श्री निषाद ने कहा कि केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के रिपोर्ट के अनुसार बिहार में नेशनल हाइवे पर शराब पीकर गाड़ी चलाने का एक भी दुर्घटना का मामला सामने नहीं आया है। जबकि महाराष्ट्र में नेशनल हाइवे पर 258 एवं झारखंड में 686 लोगों की जान चली गई।


