दीघा विधायक संजीव चौरसिया की मां ने ली अंतिम सांस : पटना में हृदय गति रूकने से गई जान, कल अंतिम संस्कार

पटना। सिक्किम के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद की पत्नी व दीघा विधायक डॉ. संजीव चौरसिया की माता कमला देवी का गुरूवार रात्रि 08.05 बजे हृदय गति रूकने से पटना में निधन हो गया। वही कल 11 नवम्बर को सुबह 08.00 बजे आर्य भवन, खाजपुरा, बेली रोड, पटना से कमला देवी की अंतिम यात्रा दीघा घाट के लिए प्रस्थान करेगी। बताया जा रहा है की 10.00 बजे गंगा तट के दीघा घाट, जे.पी. सेतु पुल के निचे पाया सं.-2 के निकट उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा। बता दे की कमला देवी का जन्म 18 मार्च 1942 ई. को हुआ था। इनके निधन की खबर से सम्पूर्ण बिहार में शोक की लहर दौड़ गयी। बता दें कि सामाजिक सरोकार रखने वाली स्वर्गीय कमला देवी को उनकी उत्कृष्टा के कारण BJP के शीर्ष नेता कैलाशपति मिश्र व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ओमप्रकाश गर्ग अपनी बहन मानते थें। स्वर्गीय कमला देवी ने 1974 व 1977 के आंदोलन में उल्लेखनीय भूमिका निभायी थी। मालूम हो कि आपातकाल के दौरान जब आंदोलन ऊॅचे शिखर पर था, उस वक्त जनसंघ व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघा के कई शीर्षस्थ जनसंघ अधिकारियों को उन्होंने अपनी सेवा समर्पित भाव से संतुष्ट ही नहीं किया बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, रज्जू भैया, ओमप्रकाश गर्ग, गोवन्दाचार्य, उमा भारती, साध्वी ऋतभंरा, वर्तमान के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले सहित अनेकों महानुभावों के लिए भाजन व्यवस्था की चिन्ता स्वंय करती थी। वही आपातकाल के बीच आवास पर होने वाली बैठक की गोपनीयता भंग न हो इसलिए बाहरी महिला की सहायता के बगैर ही वह अपने गृह कार्य को स्वंय निष्पादित करती थी। जिससे आंतरिक बैठक में शामिल होने वाले प्रबुद्धजनों के बारे में किसी को बिल्कुल खबर नहीं मिल पाती थी। अर्थात अपने स्वंय के उपर कष्ट लेकर आगंतुक अतिथियों को सम्मान देने में वह कभी नहीं हिचकी। समर्पित सेवा भाव व धैर्य शक्ति के साथ स्वभाव उनकी विशेषता रही। कत्र्तव्य परायणता एवं धर्म परायणता उनकी खासियत थी। जीवनपर्यन्त सामाजिक सेवा के प्रति चिन्ता करनेवाली जीवन के अंतिम क्षण में भी नेत्रदान करके अपने सामाजिक दायित्व का उन्होंने बखूबी निर्वह्न किया है।
