December 11, 2025

जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा का फेसबुक अकाउंट हैक, अपराधियों ने की ठगी करने की कोशिश

पटना। देश भर में साइबर अपराध और ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और बिहार भी इससे अछूता नहीं है। साइबर सेल और राज्य सरकार इन अपराधों पर रोक लगाने के दावे तो करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। इसी कड़ी में शनिवार को एक और साइबर अपराध का मामला सामने आया, जब जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा का फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया। साइबर अपराधियों ने संजय झा के फेसबुक अकाउंट को हैक करने के बाद मधुबनी जिले के कुछ पत्रकारों को मैसेज भेजकर ठगी करने की कोशिश की। हैकरों ने संजय झा के नाम से एक संदेश भेजा जिसमें कहा गया कि उनका एक मित्र आर्मी में कार्यरत है और उसका ट्रांसफर हो रहा है। इसलिए वह अपना फर्नीचर बेचना चाहता है। संदेश में यह भी कहा गया कि पत्रकार का नंबर उस आर्मी अधिकारी को दे दिया जाएगा ताकि वह फर्नीचर खरीदने के लिए संपर्क कर सके। हालांकि, पत्रकारों ने तुरंत ही इस संदेश की सत्यता पर संदेह किया और समझ गए कि संजय झा का फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया गया है। यह पहली बार नहीं है जब इस तरह के मामले सामने आए हैं, खासकर जब से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साइबर अपराधियों की सक्रियता बढ़ी है। इससे पहले भी कई हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के अकाउंट हैक कर ठगी की कोशिशें की गई हैं। इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और साइबर सेल ने तुरंत इस घटना की शिकायत दर्ज कर ली। मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर सेल की तकनीकी टीम ने जांच शुरू कर दी है। चूंकि यह एक हाई-प्रोफाइल मामला है, इसलिए माना जा रहा है कि तकनीकी टीम जल्दी ही संजय झा का फेसबुक अकाउंट रिकवर कर लेगी और अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा। संजय झा का फेसबुक अकाउंट हैक होने की घटना ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस तरह की घटनाएं आम होती जा रही हैं, जिससे आम लोग और विशेषकर हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों को सतर्क रहने की जरूरत है। साइबर अपराधी अक्सर विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करके लोगों के अकाउंट हैक करते हैं और फिर उनका दुरुपयोग करते हैं, जैसा कि इस मामले में हुआ है। साइबर सेल ने इस मामले में पूरी सतर्कता बरतने का आश्वासन दिया है। जांच अधिकारियों का मानना है कि जल्द ही इस मामले में सफलता मिलेगी और दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। हालांकि, इस घटना से यह साफ हो गया है कि साइबर अपराध की रोकथाम के लिए और भी कड़े कदम उठाने की जरूरत है, ताकि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके। इस घटना ने लोगों को यह भी सिखाया है कि किसी भी अनजान संदेश या कॉल पर भरोसा नहीं करना चाहिए, चाहे वह संदेश किसी परिचित के नाम से ही क्यों न आया हो। सतर्कता और सावधानी बरतकर ही साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बचा जा सकता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपने अकाउंट की सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और नियमित रूप से उसे बदलते रहें। साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना साइबर सेल को दें।  इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि साइबर अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, और वे लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में, न केवल आम नागरिकों को, बल्कि प्रशासन को भी इस दिशा में और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाना आज की जरूरत है, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

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