September 29, 2025

सम्राट चौधरी हत्या के अभियुक्त, पद से बर्खास्त कर तत्काल गिरफ्तार करवाए सीएम: प्रशांत किशोर

पटना। बिहार की सियासत एक बार फिर गरम हो गई है। जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने सोमवार को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और ग्रामीण निर्माण मंत्री अशोक चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए। प्रशांत किशोर ने दावा किया कि सम्राट चौधरी पर छह लोगों की हत्या का आरोप है और उनके खिलाफ 1995 का तारापुर केस दर्ज है। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति का राज्य का उपमुख्यमंत्री बने रहना संविधान का अपमान है और तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। पीके ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “सम्राट चौधरी छह लोगों की हत्या के अभियुक्त हैं। इनके खिलाफ तारापुर केस नंबर 44/1995 दर्ज है। सुप्रीम कोर्ट का दस्तावेज उपलब्ध है। उस समय नाबालिग होने का हवाला देकर इन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था। लेकिन 2020 में दाखिल किए गए इनके चुनावी दस्तावेज से साफ है कि उस समय इनकी उम्र 26 साल थी। यानी एक वयस्क होते हुए भी इन्हें गलत प्रमाणपत्र के आधार पर नाबालिग मानकर रिहाई दी गई थी।” उन्होंने आगे कहा कि यदि सरकार और पुलिस कार्रवाई नहीं करती है तो जन सुराज पार्टी इस मामले को अदालत तक ले जाएगी। पीके ने सवाल उठाया कि जब 26 साल की उम्र के व्यक्ति पर हत्या जैसे गंभीर आरोप हों, तो उसे जेल में होना चाहिए या फिर वह राज्य का डिप्टी सीएम बने रह सकता है?
“संविधान का अपमान”
प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी की मौजूदगी को सीधे-सीधे संविधान का अपमान बताया। उन्होंने कहा, “जिस आदमी को जेल में होना चाहिए, वह संवैधानिक पद पर बैठा है। अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्रवाई नहीं करेंगे तो जन सुराज पार्टी राज्यपाल से मुलाकात कर उनकी बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग करेगी। पीके ने यह भी कहा कि अगर बिहार सरकार चुप बैठी रही तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस मामले पर चिट्ठी लिखेंगे।
सम्राट चौधरी का पलटवार
आरोपों पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने तुरंत जवाब दिया। उन्होंने कहा, “1997-98 में ही मुझे कोर्ट ने बरी कर दिया था। प्रशांत किशोर के आरोपों में कोई दम नहीं है। उनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वे परसेप्शन का खेल खेल रहे हैं।”
अशोक चौधरी पर प्रॉपर्टी विवाद का आरोप
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने ग्रामीण निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और उनके परिवार पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी की शादी के बाद 100 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी गई है। यह संपत्ति वैभव विकास ट्रस्ट के जरिए न्यास बोर्ड से खरीदी गई। पीके ने सवाल उठाया कि आखिर इतने कम समय में 100 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदने के लिए पैसा कहां से आया? उन्होंने इसके साथ ही जियालाल आर्य, अनीता कुणाल और प्रत्यय अमृत की सास का नाम लेते हुए कहा कि इन तीनों के नाम इस प्रॉपर्टी में शामिल हैं और इन्हें भी सफाई देनी चाहिए।
जन सुराज की फंडिंग पर सफाई
प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी जन सुराज की फंडिंग पर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उनके पास पैसा परिश्रम और काम की वजह से आता है। “हमारे पास लक्ष्मी, हमारी सरस्वती के कारण आती है। हमने जिनकी मदद की, उन्होंने हमें फीस दी। बीते तीन सालों में मैंने अपनी फीस के 241 करोड़ रुपये कमाए हैं। इस पर 30 करोड़ 95 लाख रुपये जीएसटी और 20 लाख रुपये इनकम टैक्स चुकाए हैं।”
तेजस्वी यादव पर भी तंज
प्रशांत किशोर ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी भ्रष्ट नेताओं की सूची बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले उन्हें अपने मामा, फिर अपने माता-पिता का नाम लिखना होगा। पीके ने आरोप लगाया कि लालू-राबड़ी परिवार ने बिहार के गरीबों की जमीनें कब्जा की हैं।
बिहार की राजनीति में उबाल
प्रशांत किशोर के इन आरोपों के बाद बिहार की राजनीति में नई हलचल मच गई है। सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों की निगाहें अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रुख पर टिकी हैं। विपक्ष पहले से ही सरकार को घेरने की कोशिश में है, वहीं सत्तापक्ष इन आरोपों को सिरे से खारिज कर रहा है। फिलहाल, जन सुराज पार्टी ने साफ कर दिया है कि अगर राज्य सरकार और पुलिस कार्रवाई नहीं करती तो वे इस मामले को कोर्ट से लेकर राज्यपाल और प्रधानमंत्री तक पहुंचाएंगे। ऐसे में आने वाले दिनों में बिहार की सियासत और भी गरमा सकती है।

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