पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर रेल मंडल ने अपने सेवाकाल का 50 साल पूरा, स्वर्ण जयंती समारोह का हुआ आयोजन

समस्तीपुर । पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर रेल मंडल ने अपने सेवाकाल का 50 साल पूरा कर लिया। इस अवसर पर  गुरुवार को रेल मंडल कार्यालय में स्वर्ण जयंती  समारोह का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मंडल कार्यालय में केक काटा गया। समस्तीपुर मंडल पूर्वोत्तर रेलवे के एक मंडल के रूप में पांच सितंबर 1969 को अस्तित्व में आया था। जिसे वर्ष 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा द्वारा नवगठित पूर्व मध्य रेलवे का एक मंडल बनाया गया, जो  यह एक नवंबर 2002 से विधिवत परिचलन में आया।समस्तीपुर रेल मंडल ने अपनी ऐतिहासिक यात्रा में यात्रियों की सुविधा के लिए कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। मंडल के लगभग 60 फीसद रेलखंडों का विद्युतीकरण हो चुका है, बचे हुए खंडों में कार्य प्रगति पर है। इस मंडल के समस्तीपुर-दरभंगा खंड मे रेल दोहरीकरण का कार्य भी प्रगति पर है।
तीन क्षेत्रों के 15 जिलों में मिल रहीं सुविधाएं : समस्तीपुर रेल मंडल मिथिला, चंपारण और कोसी क्षेत्र में अपनी सुविधाएं दे रहे है। मिथिला क्षेत्र में समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, चंपारण क्षेत्र में मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, वैशाली और कोसी क्षेत्र में सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, खगड़िया, बेगूसराय शामिल है।

नेपाल की सीमा से सटा है पांच स्टेशन : इस रेल मंडल के पांच प्रमुख स्टेशन यथा रक्सौल, जयनगर, लौकहाबाजार, बैरगनिया एवं राघोपुर का पड़ोसी देश नेपाल की सीमा से जुड़े होने के कारण इसकी अंतरराष्ट्रीय महत्ता भी बढ़ती है। यह मंडल लगभग 1156 ट्रैक किलोमीटर पर अपने यात्रियों को कुल 90 स्टेशन, 38 हॉल्ट स्टेशन तथा आठ फ्लैग स्टेशनों के माध्यम से अपनी सेवाएं प्रदान करता है।

अशोक माहेश्वरी, मंडल रेल प्रबंधक, समस्तीपुर: समस्तीपुर रेल मंडल ने अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूरा किया। सभी रेल यात्रियों एवं रेल कर्मियों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं। मंडल यात्रियों की सुविधा के लिए प्रयत्नशील है। यात्रियों की निरंतर सुविधा में समस्तीपुर मंडल सतत प्रयत्नशील व उत्तरोत्तर विकास के लिए कटिबद्ध है।

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