November 17, 2025

मुकेश सहनी का बीजेपी पर हमला, कहा- वोट चोरी करना है तो बंद करें चुनाव, खर्च होता है जनता का पैसा

पटना। वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने चुनाव प्रक्रिया और मौजूदा राजनीतिक हालात पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अगर देश में वोट चोरी ही होनी है तो चुनाव कराने का कोई अर्थ नहीं रह जाता, क्योंकि इससे केवल जनता के पैसों की बर्बादी होती है। उन्होंने इस मुद्दे को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया और केंद्र सरकार के साथ-साथ चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए।
चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप
दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में भाग लेने के बाद पटना लौटे सहनी ने कहा कि राहुल गांधी ने हाल ही में वोट चोरी को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है, लेकिन चुनाव आयोग इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दे रहा है। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बीजेपी के दबाव में काम कर रहा है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। सहनी के मुताबिक, अगर निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते तो यह देश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत है।
जागरूकता अभियान और वोट अधिकार यात्रा
मुकेश सहनी ने कहा कि इस मुद्दे पर बिहार में भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि जनता अपने वोट के अधिकार के प्रति सजग हो सके। उन्होंने घोषणा की कि वह 17 अगस्त से राहुल गांधी के साथ ‘वोट अधिकार यात्रा’ पर निकलेंगे। यह यात्रा कई राज्यों से होकर गुजरेगी और 1 सितंबर को पटना में समाप्त होगी। सहनी का मानना है कि इस यात्रा का उद्देश्य सिर्फ राजनीतिक संदेश देना नहीं, बल्कि लोगों को यह समझाना है कि उनका वोट ही लोकतंत्र की असली ताकत है और इसे चोरी होने से बचाना सबकी जिम्मेदारी है।
अमित शाह के सीतामढ़ी दौरे पर प्रतिक्रिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सीतामढ़ी आगमन और मां सीता मंदिर के शिलान्यास पर सहनी ने कहा कि बिहार मोक्ष की भूमि है, इसलिए उनका आना स्वागत योग्य है। हालांकि, उन्होंने सवाल भी उठाया कि महाराष्ट्र में सीतामढ़ी की बेटी के साथ जो हुआ, उस पर गृह मंत्री चुप क्यों रहे। सहनी के अनुसार, युवती को मराठी भाषा न बोल पाने के कारण प्रताड़ित किया गया था, और ऐसे मामलों पर चुप्पी भी जवाबदेही मांगती है।
जनता का भरोसा और नेताओं का आना-जाना
सहनी ने कहा कि चुनाव के मौसम में नेता आते-जाते रहते हैं, लेकिन जनता सब देख रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि सही समय पर जनता अपना जवाब देगी। उनका कहना था कि राजनीति में लोगों की आस्था तभी बनी रह सकती है जब चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो, वरना लोकतंत्र का आधार कमजोर हो जाएगा। मुकेश सहनी के बयान में साफ झलकता है कि वह मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को लेकर गंभीर चिंतित हैं। वोट चोरी, चुनाव आयोग की निष्पक्षता और जनता की भागीदारी जैसे मुद्दे उनकी प्राथमिकता में हैं। उनकी यह पहल आने वाले समय में बिहार और अन्य राज्यों की राजनीति में एक बड़ा विमर्श खड़ा कर सकती है।

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