RTI में खुलासा : पीएम आवास योजना का लाभ लेने को वार्ड पार्षद से लेकर सीनियर क्लर्क बने गरीब, 87 मुखिया और 33 वार्ड पार्षदों पर प्राथमिकी

पटना। बिहार में सरकारी योजनाओं में जमकर धांधली हो रही है। सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘हर घर नल का जल’ योजना में जांच के दौरान ढ़ेरों अनियमितता सामने आ रही है तो वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना भी भ्र्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया है। आरटीआई के जरिए जो खुलासा हुआ है उसे जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे। आवास योजना का लाभ कोई ऐसे-वैसे लोग नहीं ले रहे बल्कि इसमें गरीबों को लाभ दिलाने वाले लोगों के नाम सामने आए हैं। जिसमें वार्ड पार्षद से लेकर सरकारी दफ्तर के सीनियर क्लर्क तक शामिल हैं, जो खुद को गरीब बताकर योजना का लाभ उठाने में थोड़ा भी संकोच नहीं किए। जांच के बाद ऐसे 87 मुखिया और 33 वार्ड पार्षदों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिहार में 3 लाख 32 हजार से अधिक आवास का निर्माण अधूरा पड़ा है। जिसे इस साल पूरा करने का निर्देश जिलाधिकारियों को दिया गया है। वहीं यह भी खुलासा हुआ है कि नए सरकार के गठन के बाद 87 मुखिया और 33 वार्ड पार्षदों पर प्राथमिकी इस मामले में दर्ज की गई है। इसमें नवादा जिले के दो वार्ड पार्षद व जमुई जिले के एक पार्षद ऐसे पाए गए हैं, जिन्होंने आवास योजना का लाभ लेने के लिए खुद ही गरीब बन गए। इसके लिए उन्होंने गलत आय प्रमाण पत्र बनवा लिया। वहीं अररिया में सरकारी दफ्तर के वरीय क्लर्क ने भी इसका लाभ ले लिया है। ऐसे कई अन्य उदाहरण भी सामने आए हैं। इस योजना में गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। साथ ही कई जगहों पर आवास दिलाने के नाम पर पैसा ठगी का मामला भी सामने आया है, तो मकान दिलवाने के एवज में 20-20 हजार घूस मांगने की भी शिकायतें सामने आयीं है।
इस जानकारी के बाद यही समझा जा सकता है कि वार्ड से लेकर मुखिया और अधिकारी तक योजना की लूट में लिप्त हैं। जिसके कारण जो इसके वास्तविक हकदार होते हैं, उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाता है।

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