October 29, 2025

क्या रीतलाल यादव का टिकट काटेगा राजद? भारी पड़ा पुलिस का एक्शन,बाहुबली का दमदार अंदाज..नेतृत्व ‘सोच-विचार’ में..

>>कई नए चेहरे दानापुर से बतौर राजद उम्मीदवार अखाड़े में उतरने के लिए बेचैन

>>राजद का शीर्ष नेतृत्व रीतलाल यादव के मुद्दे पर एकदम खामोश

>>2010 तथा 2015 में रीतलाल यादव को नज़रंदाज करने का खामियाजा भुगत चुका है राजद,हुई थी करारी हार 

पटना।दानापुर के बाहुबली राजद विधायक रीतलाल यादव फिलहाल जेल में बंद है। रीतलाल यादव पर एक बिल्डर से रंगदारी मांगने का आरोप है जिस मामले में वे जेल में है। रीतलाल यादव ने पिछले दिनों कोर्ट में उपस्थित के दौरान कोर्ट से इच्छा मृत्यु मांगी थी तथा सरकार- प्रशासन पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए थे। ऐसे में राजद का शीर्ष नेतृत्व रीतलाल यादव के मुद्दे पर एकदम खामोश है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा इस बात की हो रही है कि इस बार दानापुर से राजद रीतलाल यादव को दोबारा टिकट देने के लिए ‘सोच- विचार’ में पड़ गया है। विश्वसनीय सूत्रों का भी दावा है कि राजद का शीर्ष नेतृत्व विधानसभा चुनाव में दानापुर से प्रत्याशी बदल सकता है। कई नए चेहरे दानापुर से बतौर राजद उम्मीदवार अखाड़े में उतरने के लिए बेचैन है। कई नए चेहरे रेस में हैं।वही पिछले दो दशक से राजद के साथ मजबूत संबंध स्थापित करने वाले दानापुर के दो राजनीतिक घराने भी टिकट के लिए पार्टी के ‘सर्वमान्य’ के गणेश परिक्रमा में लग गए हैं। लेकिन दानापुर विधानसभा क्षेत्र का चुनावी समीकरण कुछ इस प्रकार है कि रीतलाल यादव को नजर अंदाज करके इस सीट को निकालना आदत के लिए टेढ़ी खीर है। 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के टिकट पर रीतलाल यादव ने भाजपा की आशा देवी को लगभग 16000 मतों से पराजित किया था। 2015 के विधानसभा चुनाव में जेल से ही बाहुबली रीतलाल यादव विधान परिषद पहुंच चुके थे। लेकिन इसके बावजूद विधानसभा चुनाव में अपने भाई टिंकू यादव को निर्दलीय मैदान में उतारा।जिसका नतीजा यह हुआ की राजद के उम्मीदवार राजकिशोर राय लगभग 8 हजार वोटो के अंतर से चुनाव हार गए। जबकि रीतलाल यादव के भाई टिंकू यादव को निर्दलीय लगभग 13000 वोट मिले थे। 2010 के विधानसभा चुनाव में राजद ने सच्चिदानंद राय को उम्मीदवार बनाया था। बीजेपी से आशा देवी जो उस वक्त सिटिंग एमएलए थी, मैदान में उतरी थीं।उस चुनाव में निर्दलीय रीतलाल यादव ने मैदान में उतरकर 41506 वोट हासिल किए थे।वहीं राजद के उम्मीदवार सच्चिदानंद राय को महज 11495 वोट मिले थे। 2010 तथा 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद को सिर्फ रीतलाल यादव के वजह से मात खानी पड़ी। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं।वैसे-वैसे रीतलाल यादव के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही है। बिहार पुलिस के एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने तो जेठालाल यादव के भाई की संपत्ति को भी जप्त करने का दावा किया है। ऐसे में विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट कटने की आशंका से जुड़ी चर्चाएं रीतलाल यादव गुट को बेचैन करने लगी है। बहरहाल राजनीति के शतरंज के बिसात पर शह तथा मात का खेल जारी है।

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