राजद नेता का बड़ा दवा : रेल हादसा रेलवे की लापरवाही नहीं सामूहिक हत्या, CBI जांच पर भी उठाये सवाल

पटना। उड़ीसा के बालासोर में हुए रेल दुर्घटना पर राजद के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि यह रेल हादसा सिर्फ रेलवे की लापरवाही नहीं है। बल्कि कमजोर, लाचार लोगों की सामूहिक हत्या है। बता दे की यह उक्त बाते राजद ऑफिस में बुधवार को मीडिया से बात कर रहे थे। वही उन्होंने कहा कि रेलवे अधिकारी ने 2 फरवरी को ही रेल मंत्रालय को पत्र लिख फॉल्ट बताए थे। वहां पर पहले भी हादसा होते-होते बचा था। लेकिन हर नई ट्रेन को हरी झंडी दिखाने वाले प्रधानमंत्री इसकी जिम्मेवारी नहीं ले रहे। रेल मंत्री ने पत्रों की समीक्षा ठीक से कर ली होती, सिग्नल को ठीक करवा दिया होता तो गरीब लोग काल के गाल में नहीं समाते। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कवच के पैसे कहां गए? इसमें भी कटौती हो रही है। अलग से इस मामले की CBI जांच की जरूरत कहां पड़ रही? हमें लगता है कि CBI की जांच किसी कमजोर आदमी को बलि का बकरा बनाने के लिए कर रही है। जब मैकेनिकल और टेक्निकिल फॉल्ट पहले से चिन्हित है तो CBI जांच क्या करेगी इसमें? वही इस अवसर पर प्रवक्ता एजाज अहमद, अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद कुमार सहनी आदि मौजूद रहे।
बॉर्डर पर भारत की प्रतिष्ठा घट रही और देश के अंदर गरीबों की जान जा रही
उन्होंने कहा कि यह तो हत्या का मामला बनता है। राजद नेता शक्ति सिंह ने कहा कि देश की सीमाओं पर भारत की प्रतिष्ठा घट रही है और देश के अंदर गरीबों की जान सरकार की गलती से हो रही है। हम नैतिकता की बात किससे करें। नैतिकता उनके लिए नहीं है जो आपदा में भी अवसर तलाशते हैं। गम में भी अलग खुशी का माहौल बनाते हैं। रेलवे की दुर्घटना में जितने लोग मारे गए हैं उसकी संख्या भी छिपायी जा रही है। यह चिंता का विषय है। ये क्रिमिनल नेग्लीजेंसी रेलवे की है। शक्ति सिंह यादव ने उस पत्र की कॉपी भी मीडिया को दिखायी जो रेल हादसा से पहले रेल मंत्रालय को लिखा गया था। यह पत्र साउन वेस्टर्न रेलवे के प्रिंसिपल चीफ ऑपरेशन्स मैनेजर हरि शंकर वर्मा ने लिखा था। वही इसकी कॉपी रेलवे के GM सहित अन्य कई अफसरों को भी भेजी गई। बिहार में सुल्तानगंज पुल टूटने के मामले में उन्होंने कहा कि पुल टूटने का वित्तीय भार राज्य पर नहीं पड़े इसका इंतजाम किया जा रहा है। यह पुल मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। लेकिन यह देखना चाहिए कि किसके काल में निर्माण कार्य काफी हुआ। तकनीकी पहलुओं की परवाह किए बिना नितिन नवीन से लेकर बाकी बीजेपी मंत्रियों ने कार्रवाई की। तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि इस कंपनी की ओर से बिहार में जिस-जिस पुल का निर्माण करवाया गया है उसकी जांच की जाएगी।

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