गोपालगंज के RJD उम्मीदवार के नामांकन मामला : अब कल हाईकोर्ट करेगी सुनवाई, जाने किन तीन बातों को छिपाने का है आरोप
पटना। बिहार उपचुनाव से पहले मंगलवार को ही पटना हाईकोर्ट में रिट दायर कर गोपालगंज में हो रहे विधानसभा उपचुनाव में राजद उम्मीदवार मोहन गुप्ता के नामांकन को चुनौती दी गई थी। जिस पर बुधवार को जस्टिस मोहित कुमार शाह की सिंगल बेंच ने सुनवाई की। वही मौके पर हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और याचिकाकर्ता के वकील की तरफ से रखे गए पक्ष को सुना। वही इसके बाद कोर्ट ने कहा कि गुरुवार की सुबह 10:30 बजे इस मामले में फिर से सुनवाई होगी। मगर कल की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को इस तरह के मामले में पूर्व में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को सामने रखना होगा। वही इसके बाद ही माना जाएगा कि नामांकन को चैलेंज देने वाला यह मामला सुनवाई के लायक है या नहीं।
तीन बातों को छिपाने का है आरोप
बता दे की रिट दाखिल करने वाले दीपू कुमार सिंह की तरफ से हाईकोर्ट में अपना पक्ष रख रहे सीनियर वकील एसडी संजय ने बताया कि आरोप है कि उन्होंने अपने दायर शपथ पत्र में बहुत सारी बातों को छिपाया है। जिनमें 3 मुख्य बातें हैं। जिसके आधार पर RJD उम्मीदवार के नामांकन को चुनौती दी गई है। इसमें पहली बात यह है कि उन्होंने अपने उपर दर्ज आपराधिक मुकदमा को छीपाया। वही छिपाने वाली दूसरी बात यह है कि वो एक कंपनी में डायरेक्टर और पार्टनर हैं। तीसरी बात ये है कि फॉर्म C-4 और 5 में उन्होंने चुनाव आयोग को गलत जानकारी दी। सही तथ्यों को आयोग से भी छीपाया। वही उन्होंने अपने उपर दर्ज मुकदमा और कंपनी में डायरेक्टर होने की जानकारी नहीं दी। इन्हीं तीन मुद्दों के आधार पर उनके नामांकन को चैलेंज करते हुए पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को रिट दाखिल की गई थी। वही एसडी संजय के अनुसार आज जब हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो उसके बाद चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि यह याचिका मेंटेनेबल नहीं है। क्योंकि संविधान के तहत यह रिट याचिका चुनाव के बाद मानी जाएगी। वो भी इलेक्शन पिटीशन होगा, ये रिट नहीं मानी जाएगी। जिसके बाद हमारे तरफ से भी पक्ष रखा गया। वही दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों पक्ष पूर्व में इस तरह के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के दिए गए जजमेंट लाएं। इस पर कल कोर्ट सुबह 10:30 बजे सुनवाई करेगी। इसके बाद कोर्ट इसमें नोटिस करेगी। याचिकाकर्ता के सीनियर वकील के अनुसार इस मामले में कुछ भी हो सकता है। हमारी मांग है कि इसमें जांच होनी चाहिए। अगर वो चुनाव जीत भी जाएंगे तो उसके बाद भी उसे रद्द करने का अधिकार होगा।