आरबीआई ने रेपो रेट में किया 0.50 फीसदी का इजाफा ईएमआई का भुगतान होगा महंगा

नई दिल्ली। आरबीआई ने आज मोनेटरी पॉलिसी का ऐलान करते हुए रेपो रेट 0.50 फीसद बढ़ा दिया है। इससे उपभोक्ताओं के लिए घर, कार और अन्य कर्ज और ज्यादा महंगे हो जाएंगे। हालांकि, इसके बाद जमा पर मिलने वाले ब्याज में बढ़ोतरी होने की भी उम्मीद रहेगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा की वैश्विक बाधाओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है, जिसमें वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ रही है, मुद्रास्फीति अधिक है। वही वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हालिया सुधार अगर कायम रहा तो मुद्रास्फीति को राहत मिल सकती है। बता दे की आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का निर्णय किया, रेपो दर अब 5.90 प्रतिशत हुई। मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से पांच ने नीतिगत दर में वृद्धि का समर्थन किया। वही आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि हम कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर में आक्रामक वृद्धि से नये ‘तूफान’ का सामना कर रहे हैं। अमेरिकी डॉलर नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं को धीमी वैश्विक वृद्धि, खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि, उन्नत अर्थव्यवस्था नीतियों से ऋण संकट और तेज मुद्रा मूल्यह्रास की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। नई दरों के बाद रेपो दर बढ़कर 5.90 प्रतिशत हो गई। अब होम लोन की ईएमआई भरने वालों को अधिक भुगतान करना पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में इजाफा किए जाने के बाद से बैंक लोन की दरों में बढ़ोतरी शुरू कर देंगे और यह बढ़ोतरी एक दशक में सबसे तेज रहेगी।
जानिए रेपो रेट से आम आदमी पर क्या पड़ता है प्रभाव
बताया जा जाता है की जब बैंकों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा यानी रेपो रेट कम होगा तो वो भी अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं। और यदि रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाएगा तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और वे अपने ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा कर देंगे।

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