बिहार में कोरोना से हड़कंप : NMCH में रिकॉर्ड 13 मरीजों की मौत, 5 पटना के; गया में 4 और सुपौल में 2 की मौत

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पटना। बिहार के 38 जिला कोरोना संक्रमण के चपेट में आ चुके हैं। कोरोना से चारों ओर हड़कंप मचा हुआ है। कोरोना के बढ़ते आंकड़ों और मौतों की बढ़ती संख्या को लेकर लोगों में डर बना हुआ है। अस्पतालों में बेड के लिए मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। वहीं कई निजी अस्पतालों में ‘आक्सीजन नहीं है’ को लेकर नोटिस चस्पा रखा है। जिससे यही प्रतीत होता है कि अभी भी निजी अस्पतालों में आक्सीजन की किल्लत बरकरार है। पिछले 24 घंटे में एनएमसीएच में रिकॉर्ड 13 मरीजों की मौत हो गई। इनमें एक मरीज महिला थी, जबकि सब पुरुष।

जबकि पटना विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर शैलेश्वर सती प्रसाद की कोरोना से मौत हो गई है। बिहार स्टेट बार काउंसिल के सदस्य शशि शेखर किशोर और हाईकोर्ट में डिप्टी रजिस्ट्रार मो. नसीमुल होदा का भी निधन हो गया है। स्वास्थ्य विभाग में अपर निदेशक रहे डॉ. त्रिभुवन नारायण सिंह का पटना एम्स में निधन हो गया। वे पांच दिनों से यहां भर्ती थे। लखीसराय में रेलवे के न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार की पटना के रूबन अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई है। पटना सिटी के वार्ड नंबर 66 स्थित लंगुर गली में कोरोना पॉजटिव मरीज मिलने के बाद घर को सैनिटाइज कराया गया है। वहीं सूबे के अन्य जिलों में भी मौत का सिलसिला जारी है। गया में बुधवार को अब तक 4 की जान चली गई है। जबकि, सुपौल में 2 कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ दिया है। भागलपुर में वरिष्ठ पत्रकार राम प्रकाश गुप्ता की भी सांसें थम गईं।
एनएमसीएच में मरने वालों में 5 पटना के
मिली जानकारी के अनुसार, एनएमसीएच में पिछले 24 घंटे में जिन 13 मरीजों ने दम तोड़ा है, उनमें 5 मरीज पटना के ही रहने वाले थे। उनकी उम्र 32, 65, 87 और 54 वर्ष थी। इनके अलावा वैशाली जिले के 3 संक्रमितों की जान गई। सारण जिले के 2 और नवादा, गोपालगंज तथा मुंगेर जिले के एक-एक मरीज की मौत हुई है।
सुपौल में 2 की मौत, आधा शहर कंटेनमेंट जोन में तब्दील
सुपौल जिले की स्थिति बेहद नाजुक हो गई है। बुधवार को फिर 30 साल के युवक समेत 2 की मौत हो गई है। 15 दिनों के भीतर आधा शहर कंटेनमेंट जोन में तब्दील हो गया है।

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