November 14, 2025

पटना में महागठबंधन का खुला खाता, फतुहा से रामानंद यादव जीते, एलजेपीआर उम्मीदवार को हराया

फतुहा (पटना)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के तहत फतुहा विधानसभा सीट पर 06 नवंबर को शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण सीट पर इस बार राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी थी, क्योंकि फतुहा को पटना जिले की निर्णायक सीटों में गिना जाता है। चुनावी माहौल में खास तौर पर दो प्रमुख उम्मीदवारों के बीच मुकाबला दिलचस्प हो गया—एक तरफ लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार रूपा कुमारी थीं, तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने पुराने और अनुभवी प्रत्याशी डॉ. रामानंद यादव को मैदान में उतारा था। फतुहा विधानसभा सीट पर RJD का प्रभाव पहले से ही मजबूत माना जाता रहा है। इसका प्रमाण 2020 का विधानसभा चुनाव है, जिसमें डॉ. रमनंद यादव ने शानदार जीत दर्ज की थी। उन्होंने उस समय भाजपा के प्रत्याशी सत्येंद्र कुमार सिंह को 19,370 वोटों के बड़े अंतर से पराजित किया था। 2020 में इस सीट पर 62.16% मतदान हुआ था, और RJD ने 50.87% मत प्राप्त कर आरामदार जीत हासिल की थी। ऐसे में 2025 में भी RJD ने एक बार फिर डॉ. यादव पर भरोसा जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया, जबकि लोजपा (रामविलास) ने पहली बार नई चेहरों पर दांव लगाते हुए रूपा कुमारी को टिकट दिया। 2025 के चुनाव में फतुहा की जनता ने एक बार फिर ज़ोरदार उत्साह दिखाया। मतदान के दिन सुबह से ही बूथों पर लंबी कतारें देखने को मिलीं। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक महिलाओं और युवाओं में मतदान को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिला। सुरक्षा के सख्त इंतज़ामों के बीच मतदान शांतिपूर्वक पूरा हुआ। इस बार राजनीतिक समीकरणों में बदलाव भी नजर आया। जहां लोजपा (रामविलास) सवर्ण व युवा वोटरों को साधने की कोशिश में थी, वहीं RJD अपनी परंपरागत वोटबैंक को मजबूती से बचाए रखने में जुटी थी। चुनावी प्रचार के दौरान दोनों ही दलों ने फतुहा में कई जनसभाएं कीं। RJD ने विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे उठाए, वहीं लोजपा (रामविलास) ने रोजगार, स्थानीय समस्याओं और महिला सुरक्षा को प्रमुखता से रखा। रूपा कुमारी ने महिला मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की, जबकि डॉ. रमनंद यादव ने अपने पिछले कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों को प्रमुखता से जनता के सामने रखा। फतुहा के 2025 चुनाव में मुकाबला बेहद रोमांचक बताया जा रहा है। पिछले चुनावों में RJD की मजबूत पकड़ को देखते हुए लोजपा (रामविलास) ने इस बार चुनाव अभियान को काफी आक्रामक तरीके से संचालित किया। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार फतुहा में त्रिकोणीय मुकाबला भले न हो, लेकिन दो बड़ी पार्टियों के बीच सीधी टक्कर ने चुनाव को काफ़ी दिलचस्प बना दिया है। फतुहा की मतदाताओं की बड़ी संख्या विकास और स्थानीय मुद्दों पर मतदान करती रही है, इसलिए इस बार का अंतिम परिणाम राजनीतिक विश्लेषकों की खास नजर में है। हालांकि आधिकारिक नतीजे आने बाकी हैं, लेकिन शुरुआती रुझान बताते हैं कि मुकाबला काफी कड़ा रहा है। किसके पक्ष में जनादेश झुकेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। RJD क्या अपनी पुरानी मजबूत पकड़ को बनाए रख पाएगी, या लोजपा (रामविलास) पहली बार यहां अपना परचम लहराने में कामयाब होगी—यह फैसला मतपेटियों के खुलने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। फिलहाल पूरे इलाके में चुनाव परिणाम को लेकर उत्सुकता और चर्चा का माहौल बना हुआ है।

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