राजस्व बढ़ाने के लिए पेट्रोल-डीजल पर फिक्स टैक्स लगाएगी नीतीश सरकार, वैट कानून में किया संशोधन

पटना।राज्य की नीतीश सरकार अपने राजस्व वसूली के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पेट्रोलियम पदार्थों पर अब फिक्स रेट टैक्स लगाने जा रही है।राज्य सरकार यह कदम प्रदेश में हो रहे राजस्व के नुकसान को देखते हुए डैमेज कंट्रोल के रूप में उठा रही है।राजस्व विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया है की वर्तमान में सरकार राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के साइड इफेक्ट से बचने के लिए प्रयासरत है।अपने राजस्व को बढाने के लिए राज्य सरकार ने मौजूदा वैट कानून में संशोधन किया है। संशोधन होने से पेट्रोल-डीजल पर वैट का कैलकुलेशन प्रतिशत के साथ-साथ फिक्सड रेट भी किया जाएगा। दर रुपया में फिक्स होने के बाद प्रतिशत के आधार पर वैट कम होने पर भी फिक्सड दर से लोगों को वैट देना होगा।

अभी राज्य में पेट्रोल की प्रति लीटर कीमत यदि 65 रुपये से अधिक रहती है तो उस पर 22 फीसदी वैट वसूला जाता है। कीमत 65 रुपये से कम होने पर 25 फीसदी की दर से वैट लिया जाता है। डीजल की कीमत यदि 64 रुपये से कम रहने पर 19 फीसदी की दर से वैट लिया जाता है। कोरोना महामारी के व्यापक प्रभाव के कारण अंतराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियन क्रूड ऑयल के दाम में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। इसका सीधी असर राज्य के राजस्व पर भी दिखायी देने लगा है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने के कारण राज्य सरकार का वैट कलेक्शन कम हुआ है।बिहार पेट्रोल-डीजल पर प्रति लीटर फिक्सड रुपये में वैट नहीं लेकर प्रतिशत में लेता है। जबकि झारखंड, यूपी और पश्चिम बंगाल प्रतिशत व फिक्सड दोनों में से जो अधिक होता है उसके आधार पर टैक्स लेते हैं।

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