एनआईए की बड़ी कार्रवाई, हरियाणा से बिहार तक 22 ठिकानों पर की छापेमारी, अवैध तस्करी से जुड़ा मामला
- हरियाणा से बिहार तक फैले तस्करी नेटवर्क की पड़ताल; कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद, कई संदिग्धों से पूछताछ जारी
नई दिल्ली/पटना। देश में हथियारों की अवैध तस्करी पर नकेल कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को एक बड़े अभियान के तहत हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार में 22 अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश से बिहार तक अवैध रूप से पहुंचाए जा रहे हथियारों के नेटवर्क की जांच का हिस्सा है, जिसकी डोर कई राज्यों तक फैली हुई बताई जा रही है। एनआईए ने आधिकारिक रूप से पुष्टि की है कि यह छापेमारी एक ऐसे केस से संबंधित है, जिसमें गैरकानूनी हथियारों की सप्लाई चेन के विस्तार, उनके वित्तीय स्रोतों और जुड़े हुए लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, एनआईए लंबे समय से इस नेटवर्क पर निगरानी रखे हुए थी और तस्करी के कई सुराग हाथ लगने के बाद यह समन्वित कार्रवाई की गई।
कई राज्यों में एक साथ दबिश
छापेमारी हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों तथा बिहार के अलग-अलग हिस्सों में की गई। बिहार में खासकर सीमावर्ती और नक्सल प्रभावित इलाकों में भी तलाशी अभियान चलाया गया, जहां अवैध हथियारों की मांग अधिक पाई जाती है। टीमों ने संदिग्धों के ठिकानों पर शिकंजा कसते हुए मोबाइल फोन, लैपटॉप, दस्तावेज, बैंक खाते से जुड़े कागजात और संदिग्ध लेन-देन की जानकारी से जुड़े डिजिटल सबूत जब्त किए हैं। सूत्रों का कहना है कि जिन जगहों पर छापेमारी की गई है, उनमें कई ऐसी लोकेशन शामिल हैं जहां हथियारों को असेंबल करने, मॉडिफाई करने और सप्लाई के लिए तैयार करने जैसी गतिविधियां होने की संभावना जताई गई थी। कुछ जगहों से हथियारों के पार्ट्स और मशीनरी भी बरामद किए जाने की आशंका है, हालांकि एजेंसी ने अभी बरामदगी को औपचारिक रूप से साझा नहीं किया है।
तस्करी का रूट: यूपी से बिहार तक फैली कड़ियाँ
एनआईए की जांच का शुरुआती फोकस इस बात पर है कि उत्तर प्रदेश से बड़ी मात्रा में अवैध हथियार कैसे बिहार के विभिन्न जिलों तक पहुंचाए जा रहे थे। कई गिरफ्तार आरोपियों और संदिग्धों से पूछताछ में यह जानकारी सामने आई थी कि तस्करी का नेटवर्क छोटे कस्बों और ग्रामीण मार्गों का इस्तेमाल कर रहा है, ताकि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बचा जा सके। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, यह नेटवर्क अक्सर नाबालिगों, मजदूरों, छोटे सप्लायरों और रिकवरी एजेंटों का उपयोग एक–एक हथियार या पार्ट्स को स्थानांतरित करने में करता था। जांच यह भी खंगाल रही है कि क्या इस नेटवर्क के तार किसी बड़े आपराधिक गिरोह, उग्रवादी संगठन या बाहरी फंडिंग स्रोतों से जुड़ते हैं।
एनआईए ने कई संदिग्धों को लिया पूछताछ के लिए हिरासत में
छापेमारी के दौरान एनआईए ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। शुरुआती पूछताछ में कई महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना जताई जा रही है। एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले में एक संगठित तस्करी तंत्र काम कर रहा था, जिसे तोड़ने के लिए कई राज्यों की कानून-व्यवस्था एजेंसियों को भी सहयोग के लिए अलर्ट किया गया है।
कानून-व्यवस्था पर बढ़े सवाल और कड़े कदम की मांग
हरियाणा से बिहार तक फैले इस हथियार तस्करी नेटवर्क ने राज्यों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यदि अवैध हथियारों की सप्लाई इतनी आसानी से राज्यों में घूम रही है, तो यह भविष्य के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। बिहार, यूपी और हरियाणा पुलिस को भी इस नेटवर्क के स्थानीय संपर्कों की पहचान के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
अवैध हथियारों की सप्लाई चेन पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर
एनआईए ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में और भी छापेमारी की जा सकती है। छापेमारी में मिले दस्तावेज़ों और डिजिटल डेटा के आधार पर अगली कार्रवाई तय की जाएगी। एजेंसी का उद्देश्य इस नेटवर्क की जड़ तक पहुंचकर उसे पूरी तरह समाप्त करना है। एनआईए की यह ताजा कार्रवाई देश भर में फैले अवैध हथियारों की सप्लाई चेन को तोड़ने की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है। पूरे मामले पर देश भर की सुरक्षा एजेंसियों की नजर बनी हुई है।


