पहलगाम हमले को लेकर राहुल गांधी की बड़ी मांग, कहा- सरकार जल्द बुलाए संसद का विशेष सत्र

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले के बाद राजनीतिक हलकों में भी प्रतिक्रिया तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस गंभीर घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उनका कहना है कि इस हमले ने प्रत्येक भारतीय को गहरे आघात और आक्रोश से भर दिया है।
राहुल गांधी का प्रधानमंत्री को पत्र
राहुल गांधी ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा कि यह समय देश के नेताओं के एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ साझा संदेश देने का है। उन्होंने लिखा कि इस हमले के खिलाफ हर भारतीय का खून खौल रहा है और इस समय राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन बेहद आवश्यक है। उन्होंने आग्रह किया कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर जनप्रतिनिधियों को एक मंच दिया जाए, जहां वे देश की जनता की ओर से एकता और संकल्प व्यक्त कर सकें।
विपक्ष की एकता की मांग
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि विपक्ष इस बात में विश्वास रखता है कि संसद को एकजुट होकर यह दिखाना चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ देश पूरी तरह से संगठित है। संसद का विशेष सत्र इस राष्ट्रीय भावना को अभिव्यक्त करने का सबसे सशक्त मंच हो सकता है। इसी उद्देश्य से उन्होंने प्रधानमंत्री से जल्द से जल्द सत्र बुलाने का अनुरोध किया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का भी अनुरोध
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को एक अलग पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित विशेष सत्र न केवल हमले की निंदा का माध्यम होगा बल्कि यह देश की सुरक्षा पर सामूहिक संकल्प और सहमति दर्शाने का अवसर भी होगा। खड़गे ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि मौजूदा परिस्थिति में विपक्ष की एकता और एकजुटता समय की जरूरत है, ताकि आतंकवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए मजबूत लोकतांत्रिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जा सके।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा की प्रतिक्रिया
इस बीच जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने भी पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए एक विशेष सत्र आयोजित किया। सत्र की शुरुआत में उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने स्पीकर अब्दुल रहीम राथर के भाषण के बाद एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें हमले की निंदा करते हुए पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गई। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार द्वारा घोषित कूटनीतिक कदमों का समर्थन भी दर्ज किया गया। प्रस्ताव को बिना किसी मतविभाजन के पारित किया गया और उसके बाद विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
देश की सुरक्षा पर एकजुट रुख की आवश्यकता
इस समूचे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह रेखांकित किया है कि देश की सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार करते हुए एकजुट रुख अपनाना अत्यंत आवश्यक है। पहलगाम हमला न केवल क्षेत्रीय चिंता का विषय है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक सीधा हमला है। ऐसे में विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों की जिम्मेदारी बनती है कि वे एक साझा मंच से संदेश दें कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा संसद के विशेष सत्र की मांग आने वाले दिनों में एक बड़ा राजनीतिक और कूटनीतिक संदेश बन सकता है, जिसकी आवश्यकता आज पहले से कहीं अधिक है।
